Justice Yashwant Verma: हाईकोर्ट का एक्शन, कोर्ट की सुनवाई से अलग किये गये जस्टिस यशवंत वर्मा
Justice Yashwant Verma: दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय की जांच रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट ने वेबसाइट पर अपलोड किया था।;
Justice Yashwant Verma
Justice Yashwant Verma: दिल्ली उच्च न्यायालय ने जस्टिस यशवंत वर्मा से तत्काल प्रभाव से न्यायिक कार्य वापस ले लिया है। हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण नोटिस जारी करते स्पष्ट कहा है कि हाल के हुए घटनाक्रम के आलोक में जस्टिस यशवंत वर्मा अभी न्यायिक कार्य नहीं देख सकेंगे। जब तक कि अगले आदेष न दिये जाएं।
हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से सोमवार को जारी की गयी नोटिस में इस बात का जिक्र नहीं किया गया है कि यशवंत वर्मा को न्यायिक कार्य से विरत करने का फैसला क्यों किया गया है। जारी किये गये नोटिस में यह भी कहा गया है कि जस्टिस वर्मा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ-तृतीय के कोर्ट मास्टर आज से पहले सूचीबद्ध मामलों में तिथि तय करेंगे। रजिस्ट्रार के नाम से दिल्ली हाईकोर्ट की वेबसाइट पर जारी किये गये नोटिस में इसका भी जिक्र किया गया है।
बीती 22 मार्च को जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी। इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय की जांच रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट ने वेबसाइट पर अपलोड किया था। वेबसाइट पर जारी की गयी रिपोर्ट में तस्वीरें और वीडियो भी शामिल थे। माना जा रहा है कि दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने सीजेआई के निर्देश पर जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ यह कार्रवाई की है।
वहीं न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय के मुख्य न्यायाधीश को भेजी गई रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि न्यायाधीश के लुटियंस दिल्ली में स्थित आवास से नोटों की चार से पांच अधजली बोरियां भी बरामद हुईं हैं। वहीं दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा ने आवास पर बड़ी संख्या में नकदी बरामद होने के आरोपों की निंदा की है।
उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि उनके या फिर परिवार के किसी भी सदस्य ने आवास के स्टोर रूम में कोई नकदी नहीं रखी। दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष अपने पक्ष में जवाब देते हुए जस्टिस वर्मा ने कहा कि उनके आवास से नकदी बरामद होना उन्हें फंसाने और बदनाम करने की साजिश जैसा प्रतीत होता है।