लड़की के स्तनों को पकड़ना… सुप्रीम कोर्ट ने HC के जज को सुनाई खरी-खोटी, कहा- मामला गंभीर

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी कार्यवाही करते हुए हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है जिसमे कहा गया था कि नाबालिक लड़की के स्तनों को पकड़ना बलात्कार नहीं है।;

Update:2025-03-26 11:30 IST

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Supreme Court: आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी कार्यवाही करते हुए इलाहबाद हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है। जिसमें जज द्वारा कहा गया था कि नाबालिक लड़की के स्तनों को पकड़ना, उसके पायजामे का नाड़ा तोड़ना और उसे पुलिया के निचे खींचने की कोशिश करना बलात्कार या बलात्कार के प्रयास के अपराध के अंतर्गत नहीं आएगा। आज इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई। जिसकी अध्यक्षता न्यायमूर्ति BR गवई की पीठ ने किया था। उन्होंने इस मामले पर कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है। उन्होंने यह फैसला सुनाने वाले जज को भी खरी खोटी सुनाते हुए कहा कि फैसला सुनाने वाले न्यायाधीश की ओर से पूरी तरह असंवेदनशीलता है। 

आज इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि हमें ऐसा कहते हुए दुःख हो रहा है कि यह निर्णय लिखने वाले के अंदर संवेदनशीलता की कमी है। 

क्या है पूरा मामला

एक यौन अपराध मामले की सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्र की एकलपीठ ने बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि पीड़िता के स्तनों को पकड़ना और उसके पायजामे का नाड़ा तोड़ना बलात्कार या बलात्कार का प्रयास नहीं है बल्कि यह एक गंभीर यौन हमला है। बता दें कि यह मामला यूपी के कासगंज से है जहाँ पवन और आकाश नाम के आरोपियों ने कथित तौर पर 11 वर्षीय पीड़िता के स्तनों को पकड़ा, उसके पायजामे का नाड़ा फाड़ दिया और उसे पुलिया के नीचे खींचने की कोशिश की थी। इस घटना के समय ही एक राहगीर ने लड़की को बचाने की कोशिश की तभी आरोपी भाग गए थे। इस केस को लेकर मामला पटियाल थाने में दर्ज की गई थी। 

हाईकोर्ट के इस बयान एक बाद सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी बुधवार को खुद इस मामले पर संज्ञान लिया। और सुनवाई करते हुए रेप के आरोप की परिभाषा तय की। आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की टिप्पणी पर रोक लगा दी है। फिलहाल इस मामले पर जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ सुनवाई कर रही थी।

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