Justice Yashwant Verma: जस्टिस वर्मा ने कैश कांड से पल्ला झाड़ा, दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर बचाव में दीं कई दलीलें
Justice Yashwant Verma: जस्टिस वर्मा के दिल्ली स्थित आवास पर पिछले दिनों आग लगने के दौरान बड़ी मात्रा में कैश बरामद होने की बात सामने आई थी। दिल्ली के पुलिस कमिश्नर की ओर से कैश जलने के वीडियो भी दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को दिए गए हैं।;
Justice Yashwant Verma (photo: social media )
Justice Yashwant Verma: दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा ने अपने आवास पर आग लगने के दौरान बड़ी मात्रा में कैश पाए जाने के सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को लिखे गए पत्र में उन्होंने कैश कांड को लेकर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि मेरी छवि को खराब करने के लिए मेरे घर पर कैश बरामद होने के झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।
जस्टिस वर्मा के दिल्ली स्थित आवास पर पिछले दिनों आग लगने के दौरान बड़ी मात्रा में कैश बरामद होने की बात सामने आई थी। दिल्ली के पुलिस कमिश्नर की ओर से कैश जलने के वीडियो भी दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को दिए गए हैं। अब इस मामले में अपना बचाव करते हुए जस्टिस वर्मा की ओर से कई दलीलें दी गई हैं।
जले हुए नोटों के वीडियो पर खड़े किए सवाल
जस्टिस वर्मा ने अपने जवाब में दिल्ली के पुलिस कमिश्नर की ओर से कैश जलने के वीडियो दिए जाने पर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा कि इस वीडियो में जो कुछ दिखाया गया है, वैसा कुछ भी मौके पर नहीं था। इस तरह जस्टिस वर्मा ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर के जले हुए नोटों के वीडियो की सत्यता पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।
घर पर आग लगने की घटना के समय जस्टिस वर्मा अपनी पत्नी के साथ मध्य प्रदेश गए हुए थे। घर पर उनकी मां और बेटी ही मौजूद थीं। जस्टिस वर्मा 15 मार्च को की शाम को मध्य प्रदेश से लौटे थे।
कैश की रिकवरी की कोई जानकारी नहीं मिली
जस्टिस वर्मा का कहना है कि दिल्ली लौटने के बाद परिवार के किसी सदस्य या स्टाफ के किसी भी आदमी ने मुझे कैश की रिकवरी की कोई जानकारी नहीं दी। उन्होंने कहा कि ऐसे में कैश मिलने का दावा पूरी तरह हैरान करने वाला है और ऐसा कुछ भी नहीं है।
उन्होंने कहा कि मौके से जले हुए नोट भी बरामद नहीं हुए जबकि कैश जलने की बात कही जा रही है। जस्टिस वर्मा ने कहा कि परिवार के किसी भी सदस्य ने उसे कमरे में कोई कैश नहीं देखा जहां 14 मार्च की रात को आग लगी थी। उन्होंने कहा कि आग बुझाने के बाद पुलिस भी लौट गई थी और पुलिस ने यह नहीं बताया था कि कोई कैश बरामद हुआ है।
फायर सर्विस के चीफ के बयान का उल्लेख
जस्टिस वर्मा ने अपने जवाब में यह भी लिखा है कि मैंने या परिवार के किसी भी सदस्य ने स्टोर रूम में कोई कैश नहीं रखा था। हमारे पास कैश निकालने की पूरी डिटेल मौजूद है। हम बैंक से ही कैश निकलते हैं या फिर यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं। परिवार की ओर से कार्ड भी यूज किया जाता है। उन्होंने कहा कि इसलिए मैं यह बात दोहरा रहा हूं कि मुझे या मेरे परिवार के किसी भी सदस्य को कोई कैश नहीं मिला।
उन्होंने दिल्ली फायर सर्विस के चीफ के बयान का भी उल्लेख किया है कि मौके पर कोई कैश नहीं मिला था। जस्टिस वर्मा ने अपनी दलील में यह भी कहा कि जिस कमरे के भीतर कैश मिलने की बात कही जा रही है,वह उनके घर के मुख्य परिसर का हिस्सा नहीं है। यह कैमरा घर के बाहर स्थित है और यह अक्सर खुला रहता था। इस कमरे का इस्तेमाल स्टोर रूम के रूप में किया जाता रहा है।
स्टोर रूम का मुख्य परिसर से कोई जुड़ाव नहीं
उन्होंने कहा कि घर के बाहर स्थित इस स्टोर रूम में फर्नीचर, बोतल, कारपेट, स्पीकर और बागवानी आदि का सामान रखा हुआ है ताकि स्टाफ के लोगों को कोई दिक्कत न हो। यह हमेशा खुला रहता है ताकि स्टाफ के लोग सामान निकाल सकें। घर के मुख्य परिसर से इस कमरे का कोई जुड़ाव नहीं है। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि बाहर के ऐसे कमरे में कोई मोटा कैश क्यों रखेगा।
चीफ जस्टिस को लिखे गए पत्र में जस्टिस वर्मा ने अपने खिलाफ साजिश रचे जाने की आशंका भी जताई है उन्होंने कहा कि 2014 में उनके खिलाफ सोशल मीडिया पोस्ट हुई थी। शायद यह कैश कांड भी इस साजिश का हिस्सा है और मेरी छवि को धूमिल करने का प्रयास है।
पूरे मामले की गहराई से जांच का अनुरोध
जस्टिस वर्मा ने चीफ जस्टिस से पूरे मामले की जांच करने का अनुरोध भी किया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की पूरी जांच करा ली जाए ताकि सच्चाई उजागर हो सके। उन्होंने कहा कि जांच से मेरी गरिमा को बहाल करने में भी मदद मिलेगी और न्यायपालिका के छवि को बनाए रखने के लिए भी यह बेहतर कदम होगा।
जस्टिस वर्मा को दिल्ली हाईकोर्ट के सभी प्रकार के न्यायिक कामों से दूर कर दिया गया है। दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की ओर से जस्टिस वर्मा से स्पष्टीकरण मांगा गया था जिसके जवाब में जस्टिस वर्मा ने ये दलीलें दी हैं। इसके अलावा पूरे मामले की जांच पड़ताल के लिए तीन सदस्यों कमेटी का भी गठन किया जा चुका है। इस कमेटी की रिपोर्ट से पूरी तस्वीर साफ होने की संभावना है।