Prayagraj Maha Kumbh: DGP प्रशांत कुमार और मुख्य सचिव पहुंचे महाकुंभ, बसंत पंचमी के व्यवस्था पर होगी निगरानी

Prayagraj Maha Kumbh: DGP प्रशांत कुमार और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह उस क्षेत्र का निरीक्षण करने प्रयागराज पहुंचे।;

Update:2025-01-30 13:47 IST

DGP Prashant Kumar and Chief Secretary Manoj Kumar Singh in Prayagraj 

Prayagraj Maha Kumbh: DGP प्रशांत कुमार और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह उस क्षेत्र का निरीक्षण करने प्रयागराज पहुंचे, जहां 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के अवसर पर भगदड़ मची थी। वे बसंत पंचमी के अवसर पर 3 फरवरी को होने वाले तीसरे अमृत स्नान से पहले सुरक्षा व्यवस्था की भी निगरानी करेंगे।

UP सचिव ने लिया जायजा

महाकुंभ भगदड़ पर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा, "यहां 36 घायल लोग भर्ती हैं। सभी का बहुत अच्छा इलाज किया जा रहा है और उनके साथ जो तीमारदार हैं उनके लिए भी व्यवस्था की गई है। ये लोग देवरिया, दिल्ली और बिहार जैसे अलग-अलग जगहों के हैं, इनके परिजनों को सूचित कर दिया गया है। किसी की हालत गंभीर नहीं है लेकिन कुछ लोगों को फ्रैक्चर आए हुए हैं, उन्हें ठीक होने में 3-4 हफ्ते तक का समय लगेगा, ऐसे 2-3 मामले हैं तो उनका यहां पर सही से इलाज होगा और फिर उन्हें डिस्चार्ज किया जाएगा।

जायजा लेने के बाद DGP ने क्या कहा

महाकुंभ भगदड़ की जांच के लिए न्यायिक जांच आयोग गठित करने पर यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि इस संंबंध में राज्य सरकार ने न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है। फिलहाल हम यहां इस बात पर चर्चा करने आए हैं कि हम बसंत पंचमी के अमृत स्नान को कैसे अच्छे से आयोजित कर सकते हैं और कैसे बेहतर सुविधाएं प्रदान कर सकते हैं। हम उस स्थान पर भी पहुंचे जहां भगदड़ से घटना घटी थी उसे देखा और मेडिकल कॉलेज जाकर इलाज करा रहे लोगों से मुलाकात की। यहां भर्ती किसी भी व्यक्ति की हालत गंभीर नहीं है, उनमें से कुछ को फ्रैक्चर आए हैं। हम बसंत पंचमी के लिए बेहतर व्यवस्था करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

मौनी अमावस्या पर हुआ बड़ा हादसा

बता दें कि बीते दिन यानी मंगलवार और बुधवार के दरमियान देर रात महाकुंभ के दूसरे और सबसे बड़े अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ मच गई। भगदड़ देर रात 1.30 बजे के आसपास हुई। उस समय 100 मीटर में श्रद्धालु संगम नोज पर सो रहे थे। सो रहे लोगों के दोनों किनारों से भीड़ संगम नोज पर स्नान के लिए जा रही थी। भीड़ का दबाव लगातार बढ़ता ही जा रहा था। वहां सो रहे लोग पुलिस के बार-बार एनाउंस करने के बाद भी उठ नहीं रहे थे।

अचानक भीड़ का दबाव बढ़ा

इस बीच अचानक भीड़ का दबाव बढ़ गया और श्रद्धालु सोते हुए लोगों के ऊपर गिरना शुरू हो गए। जान बचाने को सो रही भीड़ उठकर भागने की कोशिश करने लगी। तभी एक के ऊपर एक लोग गिरते चले गए। अपने बैग पर सिर नीचे रखकर सो रहे लोगों के ऊपर से भीड़ निकलती चली गई। लोग जैसे सो रहे थे, सोते ही रहे। उनके ऊपर भी गिरे लोगों को भीड़ कुचलती चली गई।

10 मिनट में कुछ दिखा मंजर

अपनी जान बचाने के लिए जिसको जहां जगह मिली वहीं भाग पड़ा। नीचे कौन दब रहा है, किसकी जान जा रही है, इसकी को परवाह नहीं कर रह था। भीड़ बेकाबू हो गई। 10 मिनट में गंगा की रेती में भयावह मंजर दिखा। वहां लोगों के कपड़े, बैग, कंबल, जूते, मोबाइल और सारा सामान सब बिखरे पड़े मिले।

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