#WorldDiabetesDay : डायबिटीज जानलेवा बीमारी, जानिए इसके कारण और बचाव
डायबिटीज मेटाबोलिक बीमारियों का एक समूह है। जिसमें व्यक्ति के खून में ग्लूकोज (ब्लड शुगर) का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है।
नई दिल्ली : डायबिटीज मेटाबोलिक बीमारियों का एक समूह है। जिसमें व्यक्ति के खून में ग्लूकोज (ब्लड शुगर) का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। ऐसा तब होता है, जब शरीर में इंसुलिन ठीक से न बने या शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के लिए ठीक से प्रतिक्रिया न दें। जिन मरीजों का ब्लड शुगर सामान्य से अधिक होता है वे अक्सर पॉलीयूरिया (बार बार पेशाब आना) से परेशान रहते हैं। उन्हें प्यास (पॉलीडिप्सिया) और भूख (पॉलिफेजिया) ज्यादा लगती है।
जेपी अस्पताल में एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के चिकित्सक डॉ. मनोज कुमार के अनुसार, टाइप 1 डायबिटीज में शरीर में इंसुलिन नहीं बनता। डायबिटीज के तकरीबन 10 फीसदी मामले इसी प्रकार के होते हैं। जबकि टाइप 2 डायबिटीज में शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता। दुनिया भर में मधुमेह के 90 फीसदी मामले इसी प्रकार के हैं। मधुमेह का तीसरा प्रकार है गैस्टेशनल मधुमेह, जो गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को होता है।
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उन्होंने कहा, "उचित व्यायाम, आहार और शरीर के वजन पर नियंत्रण बनाए रखकर डायबिटीज को नियंत्रित रखा जा सकता है। अगर डायबिटीज पर ठीक से नियंत्रण न रखा जाए तो मरीज में दिल, गुर्दे, आंखें, पैर एवं तंत्रिका संबंधी कई तरह की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।"
पीएम मोदी ने भी किया ट्वीट
पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि आज, #WorldDiabetesDay पर, हम स्वस्थ जीवन जीने की प्रतिज्ञा करते हैं ताकि हम डायबिटीज को दूर कर सकें। मैंने पिछले महीने ही #MannKiBaat कार्यक्रम में युवाओं के बीच डायबिटीज की बढ़ती घटना के बारे में बात की।
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क्या हैं डायबिटीज के कारण ?
जीवनशैली
गतिहीन जीवनशैली, अधिक मात्रा में जंक फूड, फिजी पेय पदार्थो का सेवन और खाने-पीने की गलत आदतें मधुमेह का कारण बन सकती हैं। घंटों तक लगातार बैठे रहने से भी मधुमेह की संभावना बढ़ती है।
सामान्य से अधिक वजन, मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता
अगर व्यक्ति शारीरिक रूप से ज्यादा सक्रिय न हो अथवा मोटापे का शिकार हो, उसका वजन सामान्य से अधिक हो तो भी मधुमेह की सम्भावना बढ़ जाती है। ज्यादा वजन इंसुलिन के निर्माण में बाधा पैदा करता है। शरीर में वसा की लोकेशन भी इसे प्रभावित करती है। पेट पर अधिक वसा का जमाव होने से इंसुलिन उत्पादन में बाधा आती है, जिसका परिणाम टाइप 2 डायबिटीज, दिल एवं रक्त वाहिकाओं की बीमारियों के रूप में सामने आ सकता है। ऐसे में व्यक्ति को अपने बीएमआई (शरीर वजन सूचकांक) पर निगरानी बनाए रखते हुए अपने वजन पर नियन्त्रण रखना चाहिए।
जीन एवं पारिवारिक इतिहास
कुछ विशेष जीन मधुमेह की सम्भावना बढ़ा सकते हैं। जिन लोगों के परिवार में मधुमेह का इतिहास होता है, उनमें इस रोग की सम्भावना अधिक होती है।
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डायबिटीज से कैसे बचें ?
नियमित व्यायाम करें
गतिहीन जीवनशैली मधुमेह के मुख्य कारणों में से एक है। रोजाना कम से कम 30-45 मिनट व्यायाम मधुमेह से बचने के लिए आवश्यक है।
संतुलित आहार
सही समय पर सही आहार जैसे फलों, सब्जियों और अनाज का सेवन बेहद फायदेमंद है। लम्बे समय तक खाली पेट न रहें।
वजन पर नियंत्रण रखें
उचित आहार और नियमित व्यायाम द्वारा वजन पर नियंत्रण रखें। कम वजन और उचित आहार से डायबिटीज के लक्षणों को ठीक कर सकते हैं।
पर्याप्त नींद
रोजना सात-आठ घंटे की नींद महत्वपूर्ण है। नींद के दौरान हमारा शरीर विषैले पदार्थों को बाहर निकाल कर शरीर में टूट-फूट की मरम्मत करता है। देर रात तक जागने और सुबह देर तक सोने से मधुमेह और उच्च रक्तचाप की संभावना बढ़ती है।
तनाव से बचें
तनाव आज हर किसी के जीवन का जरूरी हिस्सा बन गया है। मनोरंजक एवं सामाजिक गतिविधियों द्वारा अपने आप को तनाव से दूर रखने की कोशिश करें। साथ ही तनाव के दौरान सिगरेट का सेवन करने से मधुमेह की सम्भावना और अधिक बढ़ जाती है।
--आईएएनएस