Kerala News: केरल में हो क्या रहा है? सात साल में तलाक 40 फीसदी बढ़े
Kerala News: तलाक के मामलों की संख्या 2016 में 19,233 से बढ़कर 2022 में 26,976 हो गई। केरल में सबसे अधिक तलाक अर्जियां एर्नाकुलम जिले (3,536) में दर्ज की गईं, उसके बाद तिरुवनंतपुरम (3,282) का स्थान रहा।;
Kerala News: केरल में एक अजीब ट्रेंड सामने आया है। इस राज्य में तलाक के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं और स्थिति ये है कि सात साल में तलाक 40 फीसदी बढ़ गए हैं। केरल विश्वविद्यालय के जर्नल ऑफ पॉलिटी एंड सोसाइटी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, केरल में पारिवारिक न्यायालयों में दायर की जा रही तलाक अर्जियों में पिछले सात बरसों में 40 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
तलाक के मामलों की संख्या 2016 में 19,233 से बढ़कर 2022 में 26,976 हो गई। केरल में सबसे अधिक तलाक अर्जियां एर्नाकुलम जिले (3,536) में दर्ज की गईं, उसके बाद तिरुवनंतपुरम (3,282) का स्थान रहा। इसी अवधि के दौरान कासरगोड में सबसे कम मामले (848) दर्ज किए गए। तलाक याचिकाओं में हिन्दू विवाह एक्ट में रजिस्टर्ड शादियों के केस हावी रहे। 2022 में ऐसे 16,860 मामले सामने आए।
क्या है वजह
अध्ययन के मुताबिक, राज्य में तलाक के कई कारण हैं। अध्ययन में विवाहेतर संबंध, दहेज, क्रूरता, घरेलू हिंसा, यौन अक्षमता, संतान न होना, नशे का सेवन, शिक्षा में असमानता और आपसी बातचीत की कमी को विवाह टूटने के कुछ प्रमुख कारणों के रूप में पाया गया है। इसके अलावा, परिवारों का आकार छोटा होना, एकल परिवारों में वृद्धि और संयुक्त परिवारों में कमी भी कुछ कारण हैं।
समाजशास्त्री कहते हैं कि तलाक की दरें ऊंची बनी रहेंगी क्योंकि अब ज़्यादातर जोड़े ऐसी शादियाँ खत्म करने का विकल्प चुनते हैं जो उनकी उम्मीदों पर खरी नहीं उतरतीं। लोगों को लगता है कि कैसे जीना है और किसके साथ रहना है जैसे सवाल व्यक्तिगत पसंद के मामले हैं और सामाजिक मानदंडों द्वारा नियंत्रित नहीं होने चाहिए।