लखनऊ: क्या आपको पता है, कि भारत में भी यहूदी बस्तियां हैं और हमारे आपके बीच तमाम यहूदी परिवार रहते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के इजरायल के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाने के बाद भारत में रहने वाले यहूदी परिवार और उनके धर्मस्थल चर्चा में हैं। भारत की ओर से बढ़े दोस्ती के हाथ को इजरायल ने भी गर्मजोशी से पकड़कर भारत के साथ दोस्ती बढ़ाने की अपनी इच्छा को जता दिया है। इस दोस्ती की इबारत से भारत को भी वन-टू-वन अपने कूटनीतिक रिश्तों को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
बता दें, कि सांस्कृतिक रूप से भी भारत और इज़राइल बेहद करीब हैं। यहूदी समुदाय करीब ढाई हजार साल से भारत में सुरक्षित और अमन-चैन से रह रहा है। बेजामिन नेतन्याहू ने इसका जिक्र भी किया है। उन्होंने कहा, कि 'विश्व के दूसरे देशों में यहूदी समुदाय को जैसे अलग-थलग किया गया, भारत में ऐसा कभी नहीं हुआ। भारत के यहूदियों में कभी अलगाव की भावना नहीं आई।'
महाराष्ट्र में मौजूदगी 2,200 साल से
महाराष्ट्र में यहूदी समुदाय की मौजूदगी का इतिहास करीब 2,200 साल पुराना है। इतना पुराना नाता होने और गिनती के लोगों को अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा मिला हुआ है। यह अलग बात है कि भारतीय यहूदियों ने कभी भी खुद को लेकर कोई शिकायत कभी नहीं की है।
भारत में आकर बसने वालों में यहूदी सबसे पहले
भारत में आकर बसने वाले विदेशी मूल के धर्मावलम्बियों में यहूदी ही सबसे पहले थे। कोचीन का यहूदी समुदाय 16वीं सदी में यहां आ चुका था और 1568 में निर्मित कोचीन के सायनागॉग को भारत में सबसे प्राचीन माना जाता है। बगदादी शाखा के यहूदी बाद में 18वीं सदी में आए। विवरणों के अनुसार, भारत आने वाले बग़दादी शाखा के, पहले यहूदी व्यापारी जोसेफ सेमाह थे। जोसेफ सेमाह सीरिया से चलकर 1730 ई. में सूरत के समुद्री तट पर पहुंचे थे। बाद में उनके वंशज मुम्बई और कोलकता जैसे बड़े व्यापारिक नगरों में फ़ैल गए।
भारत में यहूदियों के तीन बड़े संप्रदाय हैं
भारत में यहूदी समुदाय के आम तौर पर तीन बड़े संप्रदाय हैं। इनमें पहला संप्रदाय बेन इजरायल है जिसकी महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा तादाद है। माना जाता है कि जहाज के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद इस संप्रदाय के लोग कोंकण तट पर पहुंचे थे। पत्रकार सिफ्रा सैमुअल लेंटिन ने भारतीय यहूदियों पर लिखी किताब इंडियाज जूइश हेरिटेज में प्रकाशित अपने लेख में बेन इजरायल संप्रदाय के 1749 में भारत पहुंचने की बात कही है।
भारत में इराक से आए थे यहूदी
भारत में यहूदियों के दूसरे संप्रदाय को बगदादी यहूदी के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि यह संप्रदाय इराक से व्यापार के लिए भारत आया था और फिर यहीं बस गया। बगदादी यहूदी संप्रदाय के लोग मुंबई के अलावा कोलकाता में भी पाए जाते हैं। भारत में यहूदियों का तीसरा संप्रदाय कोचिन यहूदी है जिसके लोग ज्यादातर मालाबार तट के आसपास रहते हैं। भारत में यहूदी समुदाय को लेकर आम लोगों को जानकारी काफी कम है।