कोरोना पर बड़ी खबरः स्वस्थ्य होने के बाद भी करना होगा ये काम
सफदरजंग अस्पताल से शनिवार को एक साथ छह कोरोना ग्रस्त मरीजों को छुट्टी दे दी गई है। इनमें एक मयूर विहार निवासी के अलावा एक नोएडा का और आगरा के चार मरीज...
नई दिल्ली। सफदरजंग अस्पताल से शनिवार को एक साथ छह कोरोना ग्रस्त मरीजों को छुट्टी दे दी गई है। इनमें एक मयूर विहार निवासी के अलावा एक नोएडा का और आगरा के चार मरीज शामिल हैं। चिकित्सकों के अनुसार ये स्वस्थ हैं, लेकिन इन्हें फिलहाल घर पर आइसोलेशन में ही रहने की सलाह दी है।
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सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सक अधीक्षक डॉ. बलविंदर सिंह ने बताया कि अस्पताल में 14 दिनों में छह मरीजों को ठीक कर घर भेज दिया गया है। हालांकि लोगों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है ताकि यह रोग आगे न फैल पाए। अभी अस्पताल में भर्ती कुछ कोरोना पीड़ितों की तबीयत में सुधार हो रहा है।
मरीज को सफदरजंग अस्पताल से छुट्टी दे दी गई
दिल्ली में कोरोना वायरस का असर सबसे पहले मयूर विहार इलाके में नजर आया था। राजधानी में कोरोना का पहला पॉजिटिव मामला सामने आने के बाद लोगों में दहशत फैल गई थी, लेकिन शनिवार को मयूर विहार निवासी पहले मरीज को सफदरजंग अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
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चिकित्सकों ने बताया कि आइसोलेशन वार्ड में रखे जाने के बाद उनकी तबीयत में सुधार होने लगा था। 14 दिनों तक आइसोलेशन में चले उपचार के बाद उनकी जांच की गई तो रिपोर्ट निगेटिव आई, जिसके बाद सावधानी बरतने के निर्देश के साथ उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
राजधानी में कोरोना को महामारी घोषित करने के बीच मयूर विहार के लोगों ने इस बीमारी से लड़ने की गाइडलाइन का पालन करने और इससे निपटने के लिए एक-दूसरे को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है। ऐसा इसलिए है कि दिल्ली का सबसे पहला मरीज इसी इलाके में सामने आया था।
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शुरुआती दिनों में दहशत में रहने के बाद मरीज के पड़ोसियों ने मिलकर एक दूसरे का साथ देने का फैसला लिया और फिर जांच कराने के बाद कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए खुद का बचाव व आइसोलेशन के नियमों का पालन किया।
गार्ड ने कोरोना का नाम सुनते ही गेट पर रोका
जब टीम ने सोसायटी का दौरा किया तो गेट पर ही सुरक्षा गार्ड ने रोक लिया। गार्ड ने कोरोना का नाम सुनते ही कहा, साहब यहां सब ठीक है। हमने भगा दिया कोरोना को। सब लोगों ने पहले तो जांच कराई और अब सब खुश हैं। सोसायटी से बाहर आ रहे महेश शर्मा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जब पहला मरीज यहां मिला तो उस रात कई एंबुलेंस आई थीं। सभी लोग सहमे हुए थे।