कांपे पाकिस्तान-चीन: तैयार हुए ये ताकतवर टैंक, अब भारत की सेना से हारेगा दुश्मन

देश के शक्तिशाली अर्जुन टैंक की डीआरडीओ ने फायर पावर क्षमता को काफी बढ़ाया है। ये अर्जुन टैंक में नई टेक्नोलॉजी का ट्रांसमिशन सिस्टम है। इस तकनीकी से अर्जुन टैंक आसानी से अपने लक्ष्य को ढूंढ लेता है।

Update: 2021-02-23 11:20 GMT
23 फरवरी को रक्षा मंत्रालय ने इसके लिए 6000 करोड़ रुपये की राशि की इजाजत दे दी है। ऐसे में अब सेना में 118 उन्नत अर्जुन टैंक शामिल किए जाएंगे।

नई दिल्ली। साल 2021 में 14 फरवरी के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम काफी शानदार तोहफा किया। पीएम मोदी ने सेना को युद्धक टैंक अर्जन(एमके-1ए) की चाबी सौपी थी और उसके बाद अब 23 फरवरी को रक्षा मंत्रालय ने इसके लिए 6000 करोड़ रुपये की राशि की इजाजत दे दी है। ऐसे में अब सेना में 118 उन्नत अर्जुन टैंक शामिल किए जाएंगे। तो चलिए आपको बताते हैं कि अचूक निशाने वाले स्वदेश में निर्मित अर्जुन टैंक की खासियत क्या है।

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अर्जुन टैंक आसानी से अपने लक्ष्य को ढूंढ लेता

देश के शक्तिशाली अर्जुन टैंक की डीआरडीओ ने फायर पावर क्षमता को काफी बढ़ाया है। ये अर्जुन टैंक में नई टेक्नोलॉजी का ट्रांसमिशन सिस्टम है। इस तकनीकी से अर्जुन टैंक आसानी से अपने लक्ष्य को ढूंढ लेता है। साथ ही अर्जुन टैंक युद्ध के मैदान में बिछाई गई माइंस हटाकर आसानी से आगे बढ़ने में सक्षम है।

सेना की ताकत बढ़ाने वाले इस अर्जुन टैंक में केमिकल अटैक से बचने के लिए स्पेशल सेंसर लगे हैं। जिससे इस टैंक की वजह से जमीन पर लड़ा जाने वाला युद्ध का स्वरूप ही बदल गया। बता दें, इनका पहली बार बड़े पैमाने पर दूसरे विश्व युद्ध के दौरान उपयोग हुआ।

फोटो-सोशल मीडिया

दरअसल भारत ने भी पाकिस्तान के साथ 1965 में टैंकों का उपयोग किया। और उस समय भारत के पास सेंचुरियन टैंक थे। जो पाकिस्तान के पास पैटन टैंक थे। अर्जुन टैंक का फिन-स्टैब्लाइज्ड डिस्करिंग सबोट सिस्टम लड़ाई के दौरान दुश्मन टैंक की पहचान करता है और उसे नष्ट कर देता है।

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अर्जुन टैंक मार्क-1ए

इसके साथ बता दें, कि 118 उन्नत अर्जुन टैंक खरीदने को 2012 में मंजूरी दी गई थी और 2014 में रक्षा खरीद समिति ने इसके लिए 6600 करोड़ रुपये भी जारी कर दिए थे। पर इसकी फायर क्षमता समेत कई पक्षों पर सेना ने सुधार की मांग की थी।

लेकिन इस बीच सेना ने 2015 में रूस से 14000 करोड़ रुपये में 464 मध्यम वजन के टी-90 टैंक की खरीद का सौदा कर लिया था। भारतीय सेना की मांग के आधार पर उन्नत किए जाने के बाद अर्जुन टैंक मार्क-1ए को 2020 में हरी झंडी मिली थी। जिससे सेना की ताकत में बढ़ोत्तरी हुई है।

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