Earthquake In Uttarakhand: उत्तरकाशी में लगातार दूसरे दिन महसूस हुए भूकंप के झटके, लोगों में भय का माहौल

Earthquake In Uttarakhand: आज शनिवार सुबह फिर एक बार उत्तरकाशी में भूकंप के झटके महसूस हुए हैं।;

Newstrack :  Network
Update:2025-01-25 09:54 IST

Earthquake In Uttarakhand

Earthquake In Uttarakhand: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में भूकंप के झटकों का सिलसिला जारी है। शनिवार सुबह 5:47 बजे 2.04 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। इस भूकंप का केंद्र तहसील डुण्डा के गांव खुरकोट और भरणगांव में स्थित था। हल्की तीव्रता के कारण अधिकांश लोगों ने इसे महसूस नहीं किया। हालांकि, लगातार आ रहे भूकंप के झटकों ने क्षेत्र में चिंता बढ़ा दी है।

गौरतलब है कि इससे पहले शुक्रवार सुबह करीब 7:30 बजे भी उत्तरकाशी में 3.5 तीव्रता का भूकंप आया था। उस घटना में भी किसी प्रकार की जान-माल की हानि नहीं हुई थी। शुक्रवार और शनिवार को लगातार दो दिन भूकंप के झटकों ने विशेषज्ञों और स्थानीय निवासियों की चिंता बढ़ा दी है।

विशेषज्ञों ने क्या कहा 

विशेषज्ञों का कहना है कि बार-बार आने वाले ये हल्के झटके भविष्य में किसी बड़े भूकंप का संकेत हो सकते हैं। उत्तरकाशी भूकंपीय दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र है और 1991 के विनाशकारी भूकंप की भयावहता आज भी लोगों की स्मृतियों में ताजा है। ऐसे में इन झटकों को हल्के में नहीं लिया जा सकता। शनिवार और शुक्रवार को आए भूकंपों से किसी भी प्रकार की क्षति नहीं हुई है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और घबराने की बजाय सावधानी बरतने की अपील की है। आपदा प्रबंधन विभाग ने भी संभावित खतरों को देखते हुए अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं।

लोगों से आग्रह किया गया है कि वे अफवाहों से बचें और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें। इस बीच, विशेषज्ञ इन भूकंपीय गतिविधियों की गहन जांच कर रहे हैं ताकि भविष्य के खतरों को समझा जा सके।

कैसे आता है भूकंप 

भूकंप पृथ्वी की सतह पर अचानक होने वाली कम्पन है, जो टेक्टोनिक प्लेटों के खिसकने, ज्वालामुखीय विस्फोट, या भू-आंदोलनों के कारण होती है। पृथ्वी की सतह के नीचे टेक्टोनिक प्लेटें निरंतर गतिशील होती हैं। जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं, अलग होती हैं, या खिसकती हैं, तो ऊर्जा संचित हो जाती है। यह ऊर्जा जब अचानक बाहर निकलती है, तो भूकंपीय तरंगें पैदा होती हैं, जो जमीन को हिलाती हैं। इसका केंद्र फोकस कहलाता है और सतह पर सबसे नजदीकी बिंदु एपिसेंटर। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर मापी जाती है। बड़ी तीव्रता वाले भूकंप विनाशकारी हो सकते हैं।

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