ED Raid in Kolkata: पश्चिम बंगाल में फिर एक्टिव हुई ED, 6 ठिकानों पर मारी रेड, 7 करोड़ कैश बरामद

ED Raid in Kolkata: ईडी ने गेमिंग कंपनी के प्रमोटरों के छह ठिकानों पर की गई छापेमारी में 7 करोड़ रूपये नकद बरामद किए हैं।

Update:2022-09-10 16:17 IST

ED Raid in Kolkata (Photo - Social Media) 

ED Raid in Kolkata: पश्चिम बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी नए सिरे से एक्टिव नजर आ रही है। जांच एजेंसी ने राजधानी कोलकाता में फ्रॉड मोबाइल गेमिंग ऐप केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने गेमिंग कंपनी के प्रमोटरों के छह ठिकानों पर की गई छापेमारी में 7 करोड़ रूपये नकद बरामद किए हैं। ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नोटों की गिनती जारी है।

एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, आज तलाशी अभियान में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत कोलकाता के 6 परिसरों में मोबाइल गेमिंग एप्लीकेशन से संबंधित जांच के सिलसिले में अब तक 7 करोड़ रुपये नकद मिले, नोटों की गिनती चालू है। ईडी ने एक बयान में कहा कि 'E-Nuggets' नाम के गेमिंग ऐप और इसके प्रमोटर आमिर खान के आधा दर्जन स्थानों पर तलाशी ली गई। फरवरी 2021 में कंपनी और उसके प्रमोटरों के विरूद्ध कोलकाता पुलिस की एफआईआर के बाद मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया था।

ईडी खोज रही चाइनीज कनेक्शन

ईडी जांच कर रही है कि क्या इस ऐप और इसके ऑपरेटरों के अन्य चीनी नियंत्रित ऐप के साथ संबंध हैं, जो भोले – भाले लोगों को अधिक दरों पर लोन दे रहे थे। बता दें कि इससे पहले चीन लोन ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने 3 सितंबर को पेटीएम, रेजरपे और कैश फ्री के बेंगलुरू स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी।

चीनी लोन ऐप का मामला क्या है ?

बता दें कि हाल फिलहाल ऐसे दर्जनों मामले आए हैं, जिसमें ऑनलाइन ऐप से लोन लेने वालों का उत्पीड़न हुआ है। कई मामलों में बात सुसाइड तक पहुंच चुकी है। इंदौर के रहने वाले अमित यादव का केस इसका उदाहरण है। यादव की कोरोना लॉकडाउन में नौकरी चली गई थी, जिसके कारण वह आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। उसने कुछ ऑनलाइन ऐप से लोन लिए थे, जिसे वह चुका नहीं पाया। ऐप वालों से लगातार मिल रही धमकियों के बाद पहल उसने अपनी पत्नी और बच्चों को मारा, फिर खुद सुसाइड कर लिया। हैदराबाद के एक शख्स ने भी हाल ही में इसी कारण आत्महत्या कर ली थी।

दरअसल इन चाइनीज लोन ऐप को डाउनलोड करने से फोन की सारी जानकारी कंपनियों के पास पहुंच जाती है, जिसका उपयोग बाद में वे कस्टमरर्स को धमकाने में करते हैं। मामला काफी तूल पकड़ने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर ईडी ने इसकी जांच शुरू कर दी है। 

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