हंगामा राज्यसभा में: विदेश मंत्री ने दिया करारा जवाब, नस्लवाद पर UK को दी चेतावनी
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, 'महात्मा गांधी की जमीन से होने के नाते, हम कभी नस्लवाद से आंखें नहीं चुरा सकते। खासतौर से तब जब यह किसी ऐसे देश में हो जहां हमारो लोग इतनी ज्यादा संख्या में हों।
नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर(S. Jaishankar) ने ब्रिटेन में रश्मि सामंत के साथ नस्लीय भेदभावों को लेकर लगे आरोपों पर प्रतिक्रिया जाहिर की है। ऐसे में राज्यसभा में सोमवार को विदेश मंत्री ने यूके की संसद ने भारत में जारी किसान आंदोलन की चर्चा के तर्ज पर रश्मि का मुद्दा उठाया। इस मुद्दे पर जयशंकर ने कहा, 'भारत सरकार सभी डिवेलपमेंट्स पर नजर बनाए हुए है। जब जरूरत होगी तो भारत इसे मुद्दे को मजबूती से उठाएगा।'
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यूके साथ मजबूत रिश्ते
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, 'महात्मा गांधी की जमीन से होने के नाते, हम कभी नस्लवाद से आंखें नहीं चुरा सकते। खासतौर से तब जब यह किसी ऐसे देश में हो जहां हमारो लोग इतनी ज्यादा संख्या में हों। हमारे यूके साथ मजबूत रिश्ते हैं। जरूरत पड़ने पर हम पूरी स्पष्टता से ऐसे मुद्दे उठाएंगे।'
आपको जानकारी देते हुए बता दें कि रश्मि ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष बनकर इतिहास बना चुकी थीं, लेकिन उसके बाद उन्हें कुछ पुरानी टिप्पणियों के चलते इस्तीफा देना पड़ा था। ऐसे में सामंत ने दावा किया कि इस पूरे प्रकरण में 'रेशियल प्रोफाइलिंग' शामिल थी।
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कृषि भारत का आंतरिक मामला
असल में दिल्ली बॉर्डर पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी मुद्दे को लेकर ब्रिटेन की संसद में हाल ही में चर्चा हुई। ऐसे में कंजर्वेटिव पार्टी की थेरेसा विलियर्स ने साफ कहा कि कृषि भारत का आंतरिक मामला है और उसे लेकर किसी विदेशी संसद में चर्चा नहीं की जा सकती।
लेकिन इसी कड़ी में लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह धेसी के नेतृत्व में 36 ब्रिटिश सांसदों ने किसान आंदोलन के समर्थन में चिट्ठी लिखकर भारत पर दबाव बनाने की बात कही थी।
तो अब भारतीय संसद में एक यूनिवर्सिटी के विवाद पर प्रतिक्रिया दिए जाने को यूके के लिए एक संदेश की तरह देखा जा रहा है। वहीं नस्लवाद को किसी भी देश का आंतरिक मसला नहीं कहा जा सकता है।
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