चक्का जाम पर अलर्ट सरकार: 6 को हिंसा होने की आशंका, किसान दिखाएंगे ताकत
चक्का जाम को रोकने और अमन चैन बनाए रखने के लिए पुलिस की सख्त कार्रवाई होने की आशंका है जिसके तहत प्रमुख किसान नेताओं को गिरफ्तार या नजरबंद किया जा सकता है।
रामकृष्ण वाजपेयी
किसानों के छह फरवरी को होने जा रहे देशव्यापी तीन घंटे के चक्का जाम के दौरान खुफिया रिपोर्टों में हिंसा की आशंका जताई गई है। सरकार इसे देखते हुए अलर्ट है। पुलिस आंदोलनकारियों को रोकने का पूरा प्रयास करेगी। हालांकि आंदोलनकारी किसानों ने चक्का जाम शांतिपूर्ण होने को एलान किया है। यह एक सांकेतिक चक्का जाम होगा जो कि प्रमुख राष्ट्रीय और राज्यमार्गों पर दोपहर 12 बजे से तीन बजे के बीच किया जाएगा।
6 फरवरी को होगा चक्का जाम
दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों के संयुक्त मोर्चे के आह्वान पर 6 फरवरी को यह चक्का जाम होना है। हालांकि अभी तक किसान आंदोलन का कोई देशव्यापी स्वरूप नहीं दिखा है। ट्रैक्टर रैली के दौरान भी कुछ जगहों को छोड़कर पूरे देश में शांति बनी रही थी और ट्रैक्टर रैली का कोई खास असर नहीं दिखा था।
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दिल्ली के बाहर अपनी ताकत दिखाने का प्रयास करेंगे किसान
किन्तु 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली और लालकिले के घटनाक्रम के बाद पुलिस की निरंतर तेज होती कार्रवाई, दिल्ली में धरना स्थल पर की गई छह स्तरीय बाड़बंदी, इंटरनेट सेवाओं को ठप किये जाने को किसान नेताओं ने जिस तरह से उत्पीड़न की कार्रवाई मानते हुए यह आह्वान किया है और किसान पंचायतों का निरंतर उनके पक्ष में एकजुट होना ये संकेत दे रहा है कि छह फरवरी को किसान दिल्ली के बाहर अपनी ताकत दिखाने का प्रयास करेंगे।
इन्हीं वजहों से खुफिया रिपोर्टों में चक्का जाम के दौरान हिंसा की आशंका जताई जा रही है। खुफिया इनपुट्स में हरियाणा से सटी दिल्ली की सीमा पर धरना दे रहे किसानों के बीच विस्फोटक सामग्री का जखीरा होने की आशंका जतायी गई है। इसे देखते हुए सरकार चौकन्नी हो गई है।
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किसान नेताओं को किया जा सकता है नजरबंद
चक्का जाम को रोकने और अमन चैन बनाए रखने के लिए पुलिस की सख्त कार्रवाई होने की आशंका है जिसके तहत प्रमुख किसान नेताओं को गिरफ्तार या नजरबंद किया जा सकता है। सरकार किसी भी कीमत पर देश विरोधी ताकतों को किसान आंदोलन से कोई फायदा उठाने का मौका नहीं देना चाहती है।
विपक्षी दलों के इस आंदोलन में कूद पड़ने से सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्योंकि यदि चक्का जाम के दौरान हिंसा होती है तो विपक्ष को एक बार फिर सरकार पर हावी होने का मौका मिल जाएगा। किसान आंदोलन के नेता इस चक्का जाम को सफल बनाने के लिए गांव गांव सम्पर्क अभियान छेड़े हैं। इसीलिए आम नागरिकों को 6 फरवरी को 12 बजे से तीन बजे के बीच हाइवे पर निकलने से बचना चाहिए।
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