वीरता पुरस्कारों का एलान, चेतन चीता समेत 5 जंबाजों को कीर्ति चक्र
प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद ने सोमवार को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आर्मी और पैरामिलिट्री फोर्स के लिए 112 वीरता पुरस्कारों को मंज़ूरी दे दी।
नई दिल्ली: प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद ने सोमवार को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आर्मी और पैरामिलिट्री फोर्स के लिए 112 वीरता पुरस्कारों को मंज़ूरी दे दी।
इनमें 5 कीर्ति चक्र, 17 शौर्य चक्र, 85 सेना मेडल (गैलेंट्री), 3 नौसेना मेडल और 2 वायुसेना मेडल शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर में आतंकी मुठभेड़ के दौरान 9 गोली खाने वाले सीआरपीएफ कमांडेंट चेतन चीता को भी कीर्ति चक्र के लिए चुना गया है। वहीं, इस बार कोई अशोक चक्र नहीं दिया गया।
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गोरखा राइफल के हवलदार गिरीश गुरंग और नगा रेजीमेंट के मेजर डेविड मेनलुन और सीआरपीएफ के कमांडेंट प्रमोद कुमार को मरणोपरांत कीर्ति चक्र देने की घोषणा हुई है।
गढ़वाल राइफल के मेजर प्रीतम सिंह कुंवर को भी कीर्ति चक्र से नवाजा जाएगा। 112 सैनिकों में से 19 को ये सम्मान मरणोपरांत दिए जाएंगे। कीर्ति चक्र शांति काल में बहादुरी के लिए दिए जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा पुरस्कार है।
कीर्ति चक्र पुरस्कार
- शहीद मेजर डेविड मंलुन (नगा रेजिमेंट)
- मेजर प्रीतम सिंह कुंवर (गढ़वाल राइफल्स)
- शहीद हवलदार गिरीश गुरुंग (गोरखा राइफल्स)
- कमांडेंट चेतन चीता (सीआरपीएफ)
- शहीद कमांडेंट प्रमोद कुमार (सीआरपीएफ)
जाबांज चीता
राजस्थान के कोटा के रहने वाले चेतन चीता (45) सीआरपीएफ की 45 बटालियन के कमांडेंट हैं। 14 फरवरी को चेतन कुमार चीता जम्मू-कश्मीर के हाजिन सेक्टर में आतंकियों का शिकार बने थे। उन्हें नौ गोलियां मारी गई थीं, लेकिन वो इससे उबरकर फिर से जंग के मैदान में लौटने के लिए कमर कस रहे हैं। गोली लगने के बाद 16 राउंड फायर किए। मुठभेड़ के दौरान लश्कर के कमांडर अबु मुसैब को मार गिराया। इस मुठभेड़ में तीन जवान भी शहीद हुए थे।