Fodder Scam: लालू को साढ़े तीन साल की सजा, पांच लाख का जुर्माना

Update: 2018-01-06 11:06 GMT
चारा घोटाला: चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू दोषी करार

रांची : आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले के मामले में देवघर कोषागार से गलत तरीके से निकासी के मामले में साढ़े तीन साल की सजा सुनाई। विशेष जज ने लालू प्रसाद यादव पर पांच लाख का जुर्माना भी किया। रांची की सीबीआई विशेष अदालत में आज 6 दोषियों की सजा पर सुनवाई होनी थी जबकि लालू समेत बाकी 10 दोषियों की सजा पर शुक्रवार को सुनवाई पूरी हो चुकी थी।

लालू यादव को आज कोर्ट नहीं बुलाया गया। सीबीआई कोर्ट के जज शिवपाल सिंह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए लालू को सजा सुनाई। वीडियो कांफ्रंसिंग में सजा के दौरान लालू पूरे समय हाथ जोड कर खडे रहे।

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देवघर कोषागार आरसी 64ए/96 से 89 लाख रुपये फर्जी तरीके से निकाले जाने के मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव सहित 16 आरोपी दोषी करार हैं। कोर्ट ने उन्हें 23 दिसंबर को दोषी पाया था, जिसके बाद लालू रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद है। पिछले 3 जनवरी से मामले के दोषियों की सजा पर सुनवाई चल रही थी । कल लालू के वकील ने तबीयत का हवाला देते हुए जज से कम से कम सजा की गुहार लगाई थी।

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डोरंडा कोषागार में भी पेशी

एक तरफ जहां लालू को देवघर कोषागार से जुड़े घोटाले में सजा हुई, वहीं शनिवार को ही उन्हें चारा घोटाले से जुड़े डोरंडा कोषागार मामले में भी पेश होना था। ये केस 97 लाख रुपये की अवैध निकासी का है। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई के गवाह नहीं आने की वजह से लालू यादव को कोर्ट नहीं लाया गया ।

आज इन 6 दोषियों की सजा पर सुनवाई हुई

आज इन छह दोषियों की सजा पर सुनवाई हुई उनमें सुनील कुमार सिन्हा, सुशील कुमार सिन्हा, सुनील गांधी, संजय कुमार अग्रवाल और त्रिपुरारी मोहन प्रसाद के अलावा पूर्व ट्रेजरी ऑफिसर सुबीर भट्टाचार्य हैं।

अब लालू को तुरंत जमानत नहीं मिलने की आशंका है । अगर सजा तीन साल या उससे कम होती तो उन्हें तुरंत जमानत मिल जाती ।

वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए हुई सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद पूरी तरह चुप रहे। उनके अधिवक्ता चितरंजन प्रसाद ने न्यायाधीश से आग्रह किया कि लालू की उम्र 70 वर्ष हो गई है। वह शारीरिक रूप से अस्वस्थ हैं। उन्हें हाईपर टेंशन और डायबिटीज है। 21 सालों से केस लड़ रहे हैं।

इसलिए इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए लालू प्रसाद को कम से कम सजा दी जाए। वहीं सीबीआई के अधिवक्ता ने इस पर विरोध जताते हुए कहा कि लालू राजनीति में सक्रिय हैं। रैलियां और भाषण कर रहे हैं। इसलिए नहीं लगता कि बहुत बीमार हैं। जेल में भी मेडिकल की सुविधाएं उपलब्ध हैंं वो मुख्य आरोपी हैंं इसलिए उन्हें ज्यादा से ज्यादा सजा दी जाए।

सीबीआई की विशेष अदालत ने 23 दिसंबर को चारा घोटाले के एक मामले में लालू यादव को दोषी ठहराया था।

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