पंजाब के पूर्व CM चन्नी ने फिर किया अमृतपाल का समर्थन,कांग्रेस के दूरी बनाने पर भी पीछे हटने को तैयार नहीं

Parliament Monsoon Session: लोकसभा में गुरुवार को अमृतपाल का इशारों में समर्थन करने के चन्नी के बयान पर विवाद पैदा हो गया था और रवनीत सिंह बिट्टू के साथ ही चन्नी की तीखी बहस हो गई थी।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-07-26 08:39 GMT

Amritpal Singh and Charanjit Singh Channi (photo: social media )

Parliament Monsoon Session: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने खालिस्तानी अमृतपाल सिंह के समर्थन का रास्ता नहीं छोड़ा है। लोकसभा में गुरुवार को अमृतपाल का समर्थन करने वाले चन्नी ने एक बार फिर कहा कि अमृतपाल ने संविधान की शपथ ली है और उन्हें संसद की कार्यवाही में हिस्सा न लेने देना उन लोगों के साथ अन्याय है जिन्होंने वोट देकर अमृतपाल को लोकसभा चुनाव में जीत दिलाई है।

लोकसभा में गुरुवार को अमृतपाल का इशारों में समर्थन करने के चन्नी के बयान पर विवाद पैदा हो गया था और रवनीत सिंह बिट्टू के साथ ही चन्नी की तीखी बहस हो गई थी। बाद में अमृतपाल के समर्थन को लेकर विवाद बढ़ने पर कांग्रेस ने चन्नी के बयान से पल्ला झाड़ लिया था और इसे उनका निजी बयान बताया था। कांग्रेस नेता जयराम रमेश का कहना था कि चन्नी के बयान से पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है।

अमृतपाल के चुनाव क्षेत्र के लोगों से अन्याय

कांग्रेस ने भले ही चन्नी के बयान से किनारा कर लिया हो मगर चन्नी अभी भी अमृतपाल के मुद्दे पर पीछे हटने को तैयार नहीं दिख रहे हैं। एक अखबार से बातचीत के दौरान उन्होंने एक बार फिर अमृतपाल को लेकर सरकार और चुनाव आयोग के रवैए पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि यदि अमृतपाल खालिस्तानी है तो फिर उसके नामांकन पत्र को क्यों नहीं खारिज किया गया।

उसे जेल से संसद लाकर सांसद के तौर पर शपथ भी दिलाई गई। अब सांसद के रूप में शपथ लेने के बाद उसे संसद की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेने दिया जा रहा है। ऐसा करना उन लोगों के साथ अन्याय है जिन्होंने अमृतपाल को चुनाव जिताकर संसद भेजा है।

किसानों को लेकर मेरा आरोप निराधार नहीं

कांग्रेस सांसद चन्नी ने कहा कि मुझ पर खालिस्तानियों की मदद करने का आरोप लगाया जा रहा है। आखिरकार अमृतपाल के नामांकन करने और चुनाव लड़ने के लिए दरवाजा किसने खोला था। आखिर उन लोगों से जवाब क्यों नहीं मांगा जा रहा है। किसानों पर एनएसए लगाए जाने के मेरे बयान को झूठा बताया जा रहा है जबकि सच्चाई यह है कि चार किसानों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की गई थी।

हालांकि बाद में इसे हटाने की प्रक्रिया शुरू की गई और यह सबकुछ रिकॉर्ड में दर्ज है। अंबाला पुलिस की ओर से इस साल फरवरी में जारी एक प्रेसनोट में भी इस बात का जिक्र किया गया था। फिर मुझ पर संसद में झूठ बोलने का आरोप क्यों लगाया जा रहा है।

संसद में किया था अमृतपाल का समर्थन

चन्नी ने गुरुवार को भी लोकसभा में ऐसा भाषण दिया था जिस पर तीखी तकरार हुई थी। उन्होंने जेल में बंद सांसद अमृतपाल का नाम लिए बगैर कहा था कि 20 लाख लोगों के प्रतिनिधि को बोलने का अवसर नहीं मिल रहा है और यह भी आपातकाल है। टोकाटाकी के बीच चन्नी ने रेलवे और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू से कहा कि आपके दादा सरदार बेअंत सिंह उस दिन शहीद नहीं हुए थे बल्कि उस दिन मरे जिस दिन आपने कांग्रेस छोड़ी।

इस पर बिट्टू आगबबूला हो गए थे और उनका कहना था कि मेरे दादा देश के लिए शहीद हुए, कांग्रेस के लिए नहीं। इसके बाद बिट्टू ने चन्नी पर भ्रष्टाचार के कई आरोप भी लगाए थे। अब चन्नी ने बिट्टू का जवाब देते हुए कहा है कि उनका बर्ताव एक नई नवेली बहू जैसा है जो अपने ससुराल वालों को खुश करने के लिए करती है।

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