LGBT Couple Raped in Delhi: LGBT समुदाय के दो युवकों के साथ दिल्ली में गैंगरेप, तीन आरोपी गिरफ्तार, दो अब भी फरार

LGBT Couple Raped in Delhi: LGBT समुदाय के दो युवकों के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया है। घटना शकरपुर इलाके की है और दोनों बांग्लादेशी नागरिक हैं।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-10-20 11:12 IST

LGBT Couple Raped in Delhi  (photo: social media )

LGBT Couple Raped in Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अपराध जारी है। एक के बाद एक रेप, गैंगरेप, हत्या, लूट, गैंगवार जैसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। इस बीच एक और गैंगरेप का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, LGBT समुदाय के दो युवकों के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया है। घटना शकरपुर इलाके की है और दोनों बांग्लादेशी नागरिक हैं। पुलिस ने इस मामले में शामिल पांच आरोपियों में से तीन को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस ने बताया कि पीड़ित बांग्लादेशी गे है। दोनों में से एक दिल्ली में ही रहकर पढ़ाई करता है। जबकि दूसरा बांग्लादेश से घूमने दिल्ली आया था। दोनों की मुलाकात एक गे डेटिंग ऐप पर हुई थी। मंगलवार रात को दोनों रामलीला देखकर लौट रहे थे। तभी पांच आरोपियों ने उन्हें घेर लिया और एक पार्क में ले गया, जहां उनके साथ गलत काम किया गया।

आरोपियों में पीड़ित का दोस्त भी शामिल

पुलिस ने इस मामले में एक और बड़ी जानकारी दी है। अब तक छानबीन में पता चला है कि इस मामले का मुख्य आरोपी पीड़ित का दोस्त है और वो भी गे है। आरोपी दोनों बांग्लादेशी कपल पर जबरन शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बना रहे थे, जिसका विरोध करने पर उनके साथ मारपीट की गई। आरोपी ने अपने चार अन्य दोस्तों को भी मौके पर बुला लिया और फिर दोनों का रेप किया। पीड़ित बांग्लादेशी कपल ने बुधवार देर रात शकरपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई।

तीन आरोपी गिरफ्तार बाकी की तलाश जारी

पुलिस ने इस घटना में शामिल पांच में से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों की पहचान देवाशीष वर्मा (20), सुरजीत (21) और आर्यन (20) में हुई है। तीनों शकरपुल इलाके के हैं। पुलिस ने मामले में शामिल अन्य दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 20 पुलिसकर्मियों की एक टीम बनाई है। घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है।

बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एलजीबीटी समुदाय में होने वाली शादियों को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि ये काम विधायिका का है। इससे इस समुदाय के लोगों में मायूसी छा गई थी।

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