नोटबंदी से प्रभावित जीडीपी वृद्धि दर 2016-17 में घटकर 7.1 फीसदी

Update: 2018-01-31 15:35 GMT

नई दिल्ली : देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर के आरंभिक अनुमानों के अनुरूप केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने बुधवार को वित्त वर्ष 2016-17 में इसके 7.1 फीसदी रहने का संशोधित अनुमान जारी किया है। आम बजट की पूर्व संध्या पर सीएसओ के अगले वित्त वर्ष के लिए जारी राष्ट्रीय आय के पहले संशोधित अनुमानों के मुताबिक पिछले साल की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2015-16 की वृद्धि दर 8.2 फीसदी से कम थी। पहले इसका अस्थायी अनुमान 8 फीसदी लगाया गया था, जिसे संशोधित किया गया है।

सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) के संदर्भ में, जिसमें सब्सिडी सहित करों को शामिल किया गया है, संशोधित अनुमानों में वित्त वर्ष 2016-17 के लिए 7.1 फीसदी वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया है (पहले इसके 6.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था), जबकि वित्त वर्ष 2015-16 के लिए पंजीकृत वास्तविक जीवीए विकास दर 8.1 फीसदी थी।

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संशोधित अनुमानों में आंकड़ों में काफी अंतर दर्ज किया गया है, जिमसें रोजगार के आंकड़े भी शामिल हैं।

वित्त वर्ष 2016-17 के लिए नॉमिनल जीडीपी (मुद्रास्फीति के आंकड़ों को घटाने से पहले के जीडीपी आंकड़े) का संशोधित आंकड़ा 11 फीसदी से घटाकर 10.8 फीसदी कर दिया गया है। पिछले साल के लिए नॉमिनल जीडीपी का आंकड़ा 10.4 फीसदी रहा है।

संशोधित अनुमान में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2011 के बाद से सबसे तेजी से बढ़ी है, जिससे वित्त वर्ष 2015-16 की वृद्धि दर 8.2 फीसदी हो गई है।

इसदौरान बुधवार को देश के आठ प्रमुख अवसंरचना उद्योगों का दिसंबर (2017) का आंकड़ा भी जारी किया गया, जिसमें उनकी वृद्धि दर में तेज गिरावट दर्ज की गई है और यह 4 फीसदी रही, जबकि नवंबर (2017) में यह 7.4 फीसदी थी।

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