PM Modi ने की अपील, जल्द करा लें पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना में रजिस्ट्रेशन, इतने यूनिट बिजली फ्री
PM-Surya Ghar Muft Bijli Yojana: रूपटॉप सोलर सिस्टम के जरिये सरकार 1 करोड़ से अधिक घरों को 300 यूनिट हर महीने मुफ्त बिजली मुहैया करवाना है। इस योजना पर मोदी सरकार 75,000 करोड़ रुपये निवेश करेगी।
PM-Surya Ghar Muft Bijli Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश वासियों से अपील की है कि पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना का लाभ लेने के लिए लोग जल्द से जल्द रजिस्ट्रेशन करवा लें, ताकि आप बिजली के भार से मुक्त होकर आप अपने और आर्थिक मजबूती प्रदान कर सकें। 1 करोड़ से अधिक परिवार पहले ही इस सोलर रूफटॉप योजना में पंजीकरण करा चुके हैं। बता दें कि देश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना लेकर आई है।
1 करोड़ लोग करा चुके रजिस्ट्रेशन
पीएम मोदी ने शनिवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा कि "उत्कृष्ट खबर! पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना को लॉन्च हुए एक महीने हो गए हैं, इस दौरान 1 करोड़ो से अधिक अधिक परिवारों ने इस योजना के लिए अपना पंजीकरण करा लिया है। देश के सभी हिस्सों से पंजीकरण आ रहे हैं।
पीएम की अपील-फटाफट करा लें पंजीकरण
उन्होंने कहा कि असम, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में 5 लाख से अधिक नियम देखे गए हैं। पीएम मोदी लोगों से अपील की है कि जिन्होंने अभी तक पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना में अपना पंजीकरण नहीं कराया है, उन्हें भी जल्द से जल्द पंजीकरण करा लेना चाहिए।
हर महीने 300 यूनिट बिजली
बता दें कि 1 फरवरी को पेश अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा करते हुए कहा था कि छत सौर कार्यक्रम को पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना के नाम से जाना जाएगा। रूपटॉप सोलर सिस्टम के जरिये सरकार 1 करोड़ से अधिक घरों को 300 यूनिट हर महीने मुफ्त बिजली मुहैया करवाना है। इस योजना पर मोदी सरकार 75,000 करोड़ रुपये निवेश करेगी।
योजना से कमाई भी होगी
इस योजना को जमीनी स्तर पर लोकप्रिय बनाने के लिए, शहरी स्थानीय निकायों और पंचायतों को अपने अधिकार क्षेत्र में छत पर सौर प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सरकार के अनुसार, इस सोलराइजेशन से अपेक्षित लाभ यह है कि मुफ्त सौर बिजली और वितरण कंपनियों को अधिशेष बेचने से परिवारों को सालाना 15,000-18,000 करोड़ रुपये तक की बचत होगी।
खत्म होगी इस पर निर्भरता
भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा कोयले से चलने वाली बिजली के माध्यम से पूरा करता है, और इस सौर छत कार्यक्रम को बिजली के पारंपरिक स्रोतों की निर्भरता को कम करने के अवसर के रूप में देखा जा सकता है। 2021 में आयोजित COP26 में, भारत एक महत्वाकांक्षी पाँच-भाग वाली "पंचामृत" प्रतिज्ञा के लिए प्रतिबद्ध था। इसमें 500 गीगावॉट गैर-जीवाश्म बिजली क्षमता तक पहुंचना, नवीकरणीय ऊर्जा से सभी ऊर्जा आवश्यकताओं का आधा उत्पादन करना, 2030 तक उत्सर्जन में 1 बिलियन टन की कमी करना शामिल था।