मोदी सरकार ने मनी लॉन्ड्रिंग खत्म करने के लिए उठाया ये बड़ा कदम

मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर काफी ख़बरें आती हैं। आए दिन किसी न किसी बड़े नेता का नाम इस मामले में आता है। इसे लेकर सरकार ने एक समिति गठित की है।

Update:2023-07-26 14:57 IST
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नई दिल्ली: मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर काफी ख़बरें आती हैं। आए दिन किसी न किसी बड़े नेता का नाम इस मामले में आता है। इसे लेकर सरकार ने एक समिति गठित की है। इससे जुड़ी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने राजस्व सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय अंतर-मंत्रालयी समिति गठित की। मिली जानकारी के अनुसार इस समिति का काम मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए विभिन्न विभागों, मंत्रालयों और कानून अनुपालन एजेंसियों के बीच तालमेल बनाना होगा।

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मनी लॉन्ड्रिंग को हुई समिति में 19 सदस्य हैं। इसमें वित्त मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के सचिव समेत पांच सचिव स्तर के अधिकारी हैं। इसके अलावा, विभिन्न नियामकों और जांच एजेंसियों के प्रमुख भी इसमें शामिल हैं।

समिति का काम सरकार और कानून अनुपालन एजेंसियों के बीच सिर्फ तालमेल बनाना नहीं होगा, बल्कि समिति मनी-लॉन्ड्रिंग की रोकथाम और आतंकवाद के लिए वित्तपोषण को रोकने से जुड़ी नीतियों के विकास और लागू करने का भी काम करेगी।

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समिति के सदस्य

इंटेलीजेंस ब्यूरो के डायरेक्टर, सेबी के चेयरमैन, इरडा के चेयरमैन, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर (बैंकिंग रेगुलेशन), सीबीआईसी के चेयरमैन, सीबीडीटी के चेयरमैन, स्पेशल सेक्रेटरी (इंटरनल सिक्योरिटी) एवं अन्य अधिकारी इस समिति के सदस्य हैं। कमिटी इन सभी चीजों के अलावा सभी संबंधित अधिकारियों के साथ नीतिगत सहयोग और समन्वय पर भी करेगी।

सरकार ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के अंतर्गत मिली हुई शक्तियों के तहत IMCC का गठन किया है। रेवेन्यू डिपार्टमेंट का फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स सेल इस कमिटी के सेक्रेटेरियट के तौर पर काम करेगा।

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इस बैंक ने सरकार को दी खाताधारकों की लिस्ट

स्विस बैंक में काले धन को लेकर भारत को बड़ी कामयाबी मिली है। स्विट्जरलैंड ने भारतीय नागरिकों के खाते के बारे में जानकारियों की पहली खेप केंद्र सरकार को सौंप दी है। दोनों देशों के बीच हुए ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन फ्रेमवर्क (AEOI) के अंतर्गत यह पॉसिबल हो सका है।

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विशेष फ्रेमवर्क के तहत भारत को मिली जानकारी

स्विस बैंक के द्वारा भारतीय नागरिकों की खाते संबंधी जानकारियों को भारत के साथ साझा करना देश में काले धन से लड़ाई को लेकर एक बड़ा कदम माना जा रहा है। आपको बता दें कि भारत उन 75 देशों की लिस्ट में शामिल है जिनसे स्विट्जरलैंड फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन (FTA) ग्लोबल फ्रेमवर्क (AEOI) के आधार पर खाता संबंधी वित्तीय जानकारी साझा कर रहा है।

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