हरियाणा में फिर हुड्डा और शैलजा में छिड़ी जंग, विधानसभा चुनाव से पहले गुटबाजी ने बढ़ाई कांग्रेस की मुसीबत
Haryana News: दोनों नेताओं के बीच पहले से ही खींचतान दिखती रही है और अब चुनाव के मौके पर यह जंग और तीखी होती दिख रही है।
Haryana News: हरियाणा में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। लोकसभा चुनाव में पांच सीटें जीतकर भाजपा को झटका देने वाली कांग्रेस इस बार उत्साहित नजर आ रही है मगर पार्टी में गुटबाजी भी चरम पर दिख रही है। चुनाव से पहले कांग्रेस महासचिव कुमारी शैलजा और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अलग-अलग कार्यक्रमों का ऐलान कर दिया है। इन दोनों नेताओं के बीच पहले से ही खींचतान दिखती रही है और अब चुनाव के मौके पर यह जंग और तीखी होती दिख रही है।
कुमारी शैलजा ने पहले ही पदयात्रा निकालने का ऐलान कर दिया था और वे इस पदयात्रा की तैयारी में जुटी हुई हैं। उनके ऐलान के तीन दिन बाद अब हुड्डा ने भी ‘हरियाणा मांगे हिसाब यात्रा’ निकालने का ऐलान किया है। हरियाणा में कांग्रेस के इन दोनों वरिष्ठ नेताओं की ओर से अलग-अलग यात्रा निकालने की तैयारी की जा रही है।
दोनों नेता निकालेंगे अलग-अलग यात्रा
एक ही पार्टी में होने के बावजूद हरियाणा की सियासत में कुमारी शैलजा और हुड्डा की पटरी कभी नहीं बैठी। लोकसभा चुनाव से पहले जनवरी महीने के दौरान भी दोनों नेताओं ने अलग-अलग कार्यक्रम किए थे। दोनों नेता एक-दूसरे के खिलाफ हाईकमान से शिकायतें भी करते रहे हैं। अब दोनों नेताओं की ओर से अलग-अलग यात्रा निकाली जाने वाली है। कुमारी शैलजा ने हरियाणा के शहरी इलाकों को फोकस करते हुए 7 जुलाई को यात्रा निकालने का ऐलान किया था।
शैलजा के इस ऐलान के बाद हुड्डा गुट कहां चुप बैठने वाला था। पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने भी तीन दिन बाद ही ‘हरियाणा मांगे हिसाब यात्रा’ निकालने का ऐलान कर दिया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान को हुड्डा का करीबी माना जाता है। ऐसे में हुड्डा ने उदयभान और प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया के साथ मिलकर अपनी यात्रा का ऐलान किया।
हाईकमान का समर्थन हुड्डा खेमे के साथ
हरियाणा कांग्रेस में हुड्डा गुट को ज्यादा ताकतवर माना जाता है। हाल में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भी हुड्डा अपनी ताकत दिखाने में कामयाब हुए थे। वे अपने कई समर्थकों को टिकट दिलाने में कामयाब रहे थे। दूसरी ओर कुमारी शैलजा ने भी सिरसा लोकसभा सीट पर ढाई लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल करके अपनी ताकत दिखाई थी। उन्होंने भाजपा के मजबूत उम्मीदवार अशोक तंवर को हराया था। 25 साल की उम्र से राजनीति कर रही कुमारी शैलजा तीन बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा सदस्य रह चुकी हैं।
वैसे हरियाणा में निकलने वाली इन दोनों यात्राओं में हाईकमान का समर्थन हुड्डा के साथ माना जा रहा है। कांग्रेस से जुड़े हुए सूत्रों का कहना है कि हुड्डा की अगुवाई में निकलने वाली यात्रा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी भी शामिल हो सकते हैं। इस यात्रा के जरिए राज्य सरकार को बेरोजगारी, महंगाई और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर घेरने की तैयारी है।
सीएम चेहरे को लेकर भी दोनों नेताओं में खींचतान
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी हाईकमान की ओर से राज्य कांग्रेस को एकजुटता बनाए रखने का निर्देश दिया गया है मगर राज्य कांग्रेस में एक बार फिर गुटबाजी हावी होती हुई दिख रही है। सियासी जानकारों का कहना है कि अपनी यात्रा के जरिए कुमारी शैलजा खुद को पावर सेंटर के रूप में स्थापित करने की कोशिश में जुटी हुई हैं। कुमारी शैलजा के समर्थकों की ओर से उन्हें सीएम चेहरा घोषित करने की मांग की जा रही है।
दूसरी ओर हुड्डा खेमे की ओर से भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पहले ही सीम चेहरे के रूप में आगे किया जा चुका है। हुड्डा खेमे की ओर से 20 अगस्त के बाद रथ यात्रा निकालने का भी ऐलान किया गया है। जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में हरियाणा कांग्रेस में खींचतान और बढ़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।