Delhi Liquor Case : सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई पूरी, हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

Delhi Liquor Case : Delhi Liquor Case : सीएम केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

Written By :  Rajnish Verma
Update:2024-04-03 16:53 IST

Arvind Kejriwal (Photo - Social Media)

Delhi Liquor Case : दिल्ली शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने आम आदमी पार्टी के संयोजक एवं दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर लिया था। सीएम केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल रिहाई की मांग की थी। इस मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय से 02 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने को कहा था, ईडी ने अपना जवाब दाखिल कर दिया था।

इस मामले में हाईकोर्ट में अरविंद केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए थे। उन्होंने बहस के दौरान दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नाम का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उनके मामले में 100 करोड़ पर कोर्ट ने कहा था कि ये डिबेट का मामला है। उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया को जमानत नहीं मिली है, इसलिए मैं गिरफ्तारी को चुनौती नहीं दे सकता है, ये गलत है। 

ईडी के आरोपों को सिरे से किया खारिज

अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में जोरदार बहस करते हुए कहा कि अगर हम मान लेते हैं कि किसी व्यक्ति ने रिश्वत ली है, तो क्या धन-शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) या इनकम टैक्स एक्ट लगेगा, ये मामला कैसे कनी लॉन्ड्रिंग का हो सकता है। यही नहीं, इस बात के कोई सबूत नहीं है कि केजरीवाल मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थे। उन्होंने ईडी के उस आरोप को भी सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि रिश्वत के पैसे का इस्तेमाल हवाला के माध्यम से गोवा चुनाव में किया गया है। अधिवक्ता ने कहा कि दिल्ली के सीएम केजरीवाल गोवा चुनाव के समय हवाला संभाल रहे थे, ये तो सोचा भी नहीं जा सकता है।  

ईडी ने दाखिल किया था अपना जवाब

बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट में मंगलवार को ईडी ने अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल  शराब नीति मामले के ‘षडयंत्रकारी’ हैं। उसके पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं। ईडी ने दावा किया था कि उसके पास ऐसी सामग्री उपलब्ध है, जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि वह मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के दोषी हैं। 

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