15 साल से बिजली-पानी और शौचालय के बिना पानी की टूटी टंकी में रह रहा ये परिवार

जियालाल की उम्र 40 वर्ष है। उन्होंने आंसू पोछते हुए कहा कि उनका और उनके बीबी-बच्चों का अब इस टंकी में रहने का बिल्कुल भी मन नहीं करता है। टंकी के अंदर रहने से उनका जी घबराता है।

Update: 2021-03-01 07:45 GMT
जैसे ही शाम ढलने लगती है वैसे ही दोनों बच्चों को होमवर्क पूरा करने की चिंता सताने लगी है क्योंकि अंधेरे में वे होम वर्क भी नहीं कर सकते है।

कुल्लू: गरीबी क्या होती है, अगर किसी को सही मायने में इसका मतलब पता करना है तो उसे एक बार जियालाल से जरूर मुलाकात करनी चाहिए।

हिमाचल के जिला कुल्लू की आनी खंड की कुठेड़ पंचायत के राईं रेड गांव में जियालाल अपने पूरे परिवार के साथ रहते हैं। गरीबी के चलते जियालाल का परिवार डेढ़ दशक से छह फीट चौड़ी और आठ फीट लंबी पानी की टूटी हुई टंकी में रहकर किसी तरह से अपना गुजर-बसर कर रहा है।

जियालाल के घर की हालत सरकारी योजनाओं की असलियत को बयां कर रही है। उनके घर की जो हालत है उसे देखकर सरकार द्वारा गरीबों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं पर भी तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं।

15 साल से बिजली-पानी और शौचालय के बिना पानी की टूटी टंकी में रह रहा ये परिवार(फोटो:सोशल मीडिया)

आखिर पानी की टूटी टंकी को क्या बनाया आशियाना

दरअसल बात कुछ यूं हैं कि 15 साल पहले जब जियालाल अपने परिवार से अलग हुए तो जमीन के छोटे से टुकड़े के अलावा कुछ भी नहीं था। सिर ढकने के लिए छत की जरूरत थी इसीलिए जियालाल ने खेत में खंडहर हो चुकी भू संरक्षण विभाग की पानी की टंकी को ही अपना निवास स्थान बना लिया।

टंकी पर गांव वालों ने अस्थायी छत डाल दी, जिसके बाद जियालाल पत्नी रीता देवी के साथ वहां रहने लगे।

इसी टंकी के भीतर उनके दो बच्चे हुए। बेटी पम्मी अब 13 साल और बेटा अमन 12 साल का हो चुका है।

दोनों गांव के पास एक सरकारी स्कूल में शिक्षा ग्रहण करते हैं। लेकिन जियालाल की परेशानी यहीं पर खत्म नहीं होती है। उन्होंने भले ही पानी की टंकी को अपने आशियाने में ढाल दिया है लेकिन इसके अंदर न बिजली है और न पानी। परिवार के लोगों को टॉयलेट के लिए खेत में जाना पड़ता है। उनके घर में शौचालय नहीं है।

शाम होते ही बच्चों को सताने लगती है होमवर्क की चिंता

जैसे ही शाम ढलने लगती है वैसे ही दोनों बच्चों को होमवर्क पूरा करने की चिंता सताने लगती है क्योंकि अंधेरे में वे होम वर्क भी नहीं कर सकते है।

स्थानीय लोगों की मानें तो नेता या जनप्रतिनिधि इस परिवार की हालत के बारें में सबकुछ जानते हैं। कई बर घर पर आकर मिल भी चुके हैं लेकिन हर बार आश्वासन और वायदे देने के बाद इन्हें कोई नहीं पूछता। ऐसा कई वर्षों से होता चला आ रहा है।

15 साल से बिजली-पानी और शौचालय के बिना पानी की टूटी टंकी में रह रहा ये परिवार(फोटो:सोशल मीडिया)

जियालाल बोले: अब इस टंकी में रहने का बिल्कुल भी मन नहीं करता साहब

जियालाल की उम्र 40 वर्ष है। उन्होंने आंसू पोछते हुए कहा कि उनका और उनके बीबी-बच्चों का अब इस टंकी में रहने का बिल्कुल भी मन नहीं करता है। टंकी के अंदर रहने से उनका जी घबराता है।

जब बारिश होती है तो घर में पानी भर जाता है। इसलिए सरकार से मदद मांगी है। घरवालों की मानें तो कल्याण विभाग से उन्हें घर बनाने के लिए पैसा आया था, लेकिन जानकारी के अभाव के चलते राशि नहीं ले पाए। जियालाल को अभी तक बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) की सूची में भी नहीं डाला गया है।

प्रशासन का पक्ष

वहीं इस पूरे मामले में खंड विकास अधिकारी, जीसी पाठक का कहना है कि मेरे ध्यान में यह मामला नहीं था। मैं खुद मौके का मुआयना कर परिवार की हर संभव मदद करूंगा। अप्रैल में होने वाली ग्रामसभा में इस परिवार को बीपीएल सूची में शामिल किया जाएगा।

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