Delhi News: AAP को अमेरिका, कनाडा और अरब देशों से करोड़ों की अवैध फंडिंग, ED ने गृह मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट

Delhi News: ED ने कहा, फंड ट्रांसफर करने के लिए विभिन्न दानदाताओं द्वारा एक ही पासपोर्ट नंबर, क्रेडिट कार्ड, ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया है।

Update: 2024-05-20 11:44 GMT

Delhi News (Pic:Newstrack)

Delhi News: आम आदमी पार्टी की मुश्किलें अभी दिल्ली के शराब नीति घोटाला में ही कम होने का नाम नहीं ले रही हैं तो वहीं ईडी ने उनकी और दिक्कतें बढ़ा दी है। पहले से ही कोर्ट में चल रहे मामले के बीच अब ई़डी ने आप के विदेश फंड को लेकर बड़ा खुलासा किया है। जानकारी के मुताबित ED ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को बताया है कि AAP को 2014-2022 के दौरान 7.08 करोड़ रुपये का विदेशी फंड प्राप्त हुआ है।

जांच एजेंसी ने पार्टी पर इस विदेश फंड को हासिल करने के लिए FCRA, RPA और IPC का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। ED ने अपनी रिपोर्ट में इस फंड को हासिल करने के लिए विदेशी दानदाताओं की पहचान और राष्ट्रीयता के साथ-साथ कई अन्य तथ्यों को छिपाने जैसे आरोप लगाए हैं।

विदेशी फंड जुटाने में अनियमितताओं के कई मामलों का जिक्र

ईडी गृह मंत्रालय को बताया कि आम आदमी पार्टी को संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, ओमान और अन्य देशों के कई दानदाताओं से धन प्राप्त हुआ। फंड ट्रांसफर करने के लिए विभिन्न दानदाताओं द्वारा एक ही पासपोर्ट नंबर, क्रेडिट कार्ड, ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया गया है। ईडी ने अपनी जांच में आप और उसके नेताओं द्वारा विदेशी फंड जुटाने में अनियमितताओं के कई मामलों का जिक्र किया है। इसमें पार्टी विधायक दुर्गेश पाठक सहित कई नेताओं पर 2016 में कनाडा में फंड रेजिंग प्रोग्राम से जुटाए गए पैसे का व्यक्तिगत लाभ के लिए दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। साथ ही अनिकेत सक्सेना (आप ओवरसीज इंडिया के कॉर्डिनेटर), कुमार विश्वास (आप ओवरसीज इंडिया के तत्कालीन संयोजक, कपिल भारद्वाज (आप सदस्य) और पाठक सहित विभिन्न आप स्वयंसेवकों और पदाधिकारियों के बीच भेजे गए ई-मेल की सामग्री के जरिए आरोपों की पुष्टि की है।

बुक ऑफ अकाउंट्स में वास्तविक दानदाताओं की पहचान भी छिपाई

अब तक की जांच से पता चला है कि संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में फंड रेजिंग कैंपेन के जरिए न केवल पैसा एकत्र किया गया बल्कि विदेशी फंड पर FCRA के तहत लगाए गए प्रतिबंधों से बचने के लिए आप ने बुक ऑफ अकाउंट्स में वास्तविक दानदाताओं की पहचान भी छिपाई। विदेशी फंड के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि-

1- कई दानदाताओं ने दान के लिए एक ही पासपोर्ट नंबर का इस्तेमाल किया है।

2- कई दानदाताओं ने दान के लिए एक ही ई-मेल आईडी का इस्तेमाल किया है।

3- कई दानदाताओं ने एक ही मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया है।

4- कई दानदाताओं ने दान के लिए एक ही क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया है।

दानकर्ताओं के विवरण के साथ शेयर किया है

ED ने अपनी जांच से संबंधित सभी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय को दानकर्ताओं के विवरण के साथ शेयर किया है। जैसे फंडिंग करने वाले के नाम, दानकर्ता का देश, पासपोर्ट नंबर, दान की गई राशि, दान का तरीका और प्राप्तकर्ता का बैंक खाता नंबर। बिलिंग नाम, बिलिंग पता, बिलिंग टेलीफोन नंबर, बिलिंग ई-मेल, दान का समय और तारीख और पेमेंट के लिए इस्तेमाल किए गए गेटवे आदि, जो कि पीएमएलए, 2002 के तहत जांच के दौरान एकत्र किए गए हैं। एजेंसी ने कनाडाई नागरिकों की ई-मेल आईडी और मोबाइल नंबरों के माध्यम से दान से संबंधित सबूत भी एकत्र किए हैं।

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