मोदी ने ही हिमाचल में बनवाई थी BJP सरकार, इस बार भी उन पर ही है पूरा दारोमदार
आमतौर पर हिमाचल प्रदेश में यही राय है कि ‘यहां तो सरकारें पांच साल में बदलती रहती हैं और इस बार भी वही होगा, लेकिन 1998 के पहले हालात ऐसे नहीं थे।
शिमला: आमतौर पर हिमाचल प्रदेश में यही राय है कि यहां तो सरकारें पांच साल में बदलती रहती हैं और इस बार भी वही होगा, लेकिन 1998 के पहले हालात ऐसे नहीं थे। हिमाचल में कांग्रेस का एकछत्र राज था। कांग्रेस मुक्त भारत बनाने के अभियान में जुटे मोदी ने ही हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की मजबूत आधारशिला रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी तब से यह सिलसिला चल रहा है। आइये जानते है हिमाचल प्रदेश में बीजेपी के इतिहास में पीएम नरेंद्र मोदी की क्या भूमिका थी और उन्हें हिमाचल में बीजेपी के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों माना जाता है?
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बात 1998 के विधानसभा चुनाव की है। उस समय नरेंद्र मोदी हिमाचल प्रदेश के प्रभारी थे। बीजेपी को हिमाचल में सत्ता पर काबिज करने के लिए नरेंद्र मोदी ने संगठन और पार्टी नेताओं के साथ पूरे हिमाचल की ख़ाक छानी। चुनाव हुए और नतीजे आए। मोदी और उनके पार्टी की मेहनत रंग लाई. लेकिन सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद भी बीजेपी लोकतंत्र की संख्या के खेल में पीछे रह गई।
68 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी को 31 और हिमाचल विकास पार्टी को 5 सीटें मिली थी। जबकि सरकार बनाने के लिए संख्या बल को 35 का आंकड़ा पार करना जरूरी था। मोदी की असली परीक्षा चुनाव परिणाम के बाद हुई। सरकार बनाने के लिए मोदी ने हिमाचल विकास कांग्रेस के नेता सुखराम शर्मा से संपर्क किया। मोदी की कुशल रणनीति की वजह से कई दौर की वार्ता के बाद दोनों पार्टियों में सहमति बन गई और प्रेम कुमार धूमल हिमाचल के सीएम बने। हालांकि वे इस जीत को बरक़रार नहीं रख सके और अगले चुनाव में कांग्रेस के हाथों हार का सामना करना पड़ा।
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बीजेपी ने पलटवार करते हुए 2007 के विधानसभा चुनाव में 68 में से 41 सीटें जीती और हिमाचल में पहली बार बिना किसी की मदद से सत्ता पर कब्ज़ा किया। इस बार भी प्रेम कुमार धूमल को बीजेपी ने सीएम बनाया, लेकिन 2012 के विधानसभा चुनाव में फिर बीजेपी उलटफेर का शिकार हो गई। कांग्रेस 36 सीट जीतकर फिर से सत्ता पर कब्ज़ा कर लिया और वीरभद्र सिंह ने सातवीं बार हिमाचल प्रदेश के सीएम पद की सपथ ली। इस बार बीजेपी को महज 26 सीटें मिली।
चप्पे चप्पे से वाकिफ है मोदी
पार्टी नेताओं की माने तो नरेंद्र मोदी काफी समय तक हिमाचल के प्रभारी रहे हैं और वे हिमाचल प्रदेश के चप्पे-चप्पे से वाकिफ हैं। अपने हिमाचल प्रवास के दौरान उन्होंने हिमाचल की भाषा, खान-पान रहन-सहन और संस्कृति को खूब जाना समझा है। मंडी से धर्मशाला आते-जाते नारला में पड़ने वाले के ढाबे पर रुक कर वह जरूर खाना खाते हैं। मंडी की ‘सेपू बड़ी’ मोदी की फेवरिट डिश थी।
'यह आर्टिकल वेद प्रकाश सिंह (vedpsingh89@gmail.com) द्वारा लिखा गया है।'