आर्मी को मिला आदेश: LAC पर करो कब्जा, भारत ने उठाया ये बड़ा कदम

लद्दाख में चीन की सेना एलएसी के पास कई पोस्ट और बड़ी-छोटी चोटियों पर कब्जा जमाने की मंशा से रात के अंधेरों में गुपचुप तरीके से कार्रवाई कर रही है।

Update: 2020-12-08 04:56 GMT

नई दिल्ली. साल 2020 में मार्च-अप्रैल में भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर तनाव होने लगा था। एलएसी पर तनावपूर्ण हालात बनने लगे थे और भारत उसी दौरान चीन की मंशाओं को भाप लिया था। यहीं वजह है कि भारत सरकार नव मई में ही सेना को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 6-7 जगहों पर कब्जा करने के आदेश दे दिए थे।

भारतीय सेना को मिले थे एलएसी के पास 6-7 जगह कब्जाने के आदेश

दरअसल, लद्दाख में चीन की सेना एलएसी के पास कई पोस्ट और बड़ी-छोटी चोटियों पर कब्जा जमाने की मंशा से रात के अंधेरों में गुपचुप तरीके से कार्रवाई कर रही है लेकिन चीन की ये मंशा उस समय नाकाम हो गयी जब भारतीय जवानों ने खुद लद्दाख में कई महत्वपूर्ण पोस्ट और चोटियां पर कब्जा कर लिया।

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अगस्त तक सेना ने लद्दाख के महत्वपूर्व पोस्ट और चोटियों पर किया कब्जा

एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सेना को लद्दाख में कुछ क्षेत्रों को कब्जाने का आदेश दिया गया। निर्देशों के बाद सेना ने योजनाएं बनाईं और अगस्त तक चीनी सैनिकों को तगड़ा झटका देते हुए लद्दाख में मुखपरी, रेजांग ला, रेचिन ला और गुरुंग हिल और सब सेक्टर में पैंगॉन्ग त्सो के दक्षिणी किनारे के क्षेत्र पर कब्जा कर लिया।

मई में ही दिए गए थे आदेश, चीन को लगा झटका

दावा किया जा रहा है कि राजनीतिक नेतृत्व ने इस साल मई में उन 6 से 7 जगहों की पहचान करने और फिर उन पर कब्जा करने के आदेश जारी हुए थे, जहां सेना पहुंच सकें।

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काफी महत्वपूर्ण है ये पोस्ट

ये पोस्ट लद्दाख में सेना के लिए काफी अहमियत रखते हैं। इनमें से कई एलएसी से आगे हैं। इनपर कब्जा करने से चीन को काफी नुकसान हो गया। इन पोस्ट के जरिये दुश्मन देश की सेना और एलएसी के महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर निगरानी की जा सकती है।

भारत-चीन के बीच होनी है 9वें दौर को वार्ता

रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत और चीन के बीच 9वीं दौर की बैठक का इंतज़ार है। 6 नवम्बर को दोनों देशों के बीच 8वें दौर की वार्ता हुई थी।

चीन पीछे हटने को तैयार नहीं

बता दें कि चीन ने पहले पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट पर फिंगर 4 से फिंगर 8 तक अपने सैनिकों हटाने की इच्छा दिखाई थी, हालांकि अब वह ऐसा नहीं चाहता। वहीं चीन लगातार मांग कर रहा है कि भारतीय सैनिक चुशुल सब सेक्टर और पैंगोंग त्सो के दक्षिण इलाके की ऊंचाइयों से वापस लौट जाएं

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