देश में कोरोना से भी खतरनाक बीमारी की दस्तक, ये लक्षण दिखे तो तुरंत मिले डाॅक्टर से

देश में कोरोना के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। इस जानलेवा बीमारी को लेकर लोगों के मन में भया का माहौल है। कोरोना से परेशान लोगों के सामने एक और खतरनाक बीमारी आकर सामने खड़ी हो गई है।

Update: 2020-07-23 16:24 GMT

नई दिल्ली: देश में कोरोना के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। इस जानलेवा बीमारी को लेकर लोगों के मन में भया का माहौल है। कोरोना से परेशान लोगों के सामने एक और खतरनाक बीमारी आकर सामने खड़ी हो गई है। इस खतरनाक बीमारी का पहला मामला गुजरात के सूरत में पाई गई है। सूरत में एक बच्चे में इस बीमारी के लक्षण नजर आए हैं।

इस खतरनाक बीमारी को मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (Multisystem Inflammatory Syndrome) के नाम से जाना जाता है। इसे MIS-C भी कहा जाता है। पहला मामला मिलने के बाद सूरत और गुजरात में लोगों के साथ ही डाॅक्टरों की चिंता बढ़ गई है।

इस MIS-C बीमारी का लक्षण सूरत में रहने वाले एक परिवार के 10 वर्षीय बच्चे के शरीर में देखा गया है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि यह बीमारी अभी तक सिर्फ अमेरिका और यूरोपीय देशों में पाई जाती थी। इस बीमारी के ज्यादातार मामले इन्ही देशों में सामने आते हैं।

यह भी पढ़ें...चीनी सैनिकों का हर प्लान होगा डिकोड, भारतीय सेना को दी जाएगी ये विशेष ट्रेनिंग

सूरत के परिवार ने अपने बेटे को शहर के एक अस्पताल में एडमिट कराया था। बच्चे को बुखार के साथ ही उसे उल्टी, खांसी, दस्त की समस्या है। इसके साथ ही उसकी आंखें और होंठ भी लाल हो चुके हैं।

पहले इस बच्चे को सूरत के डॉ. आशीष गोटी ने देखा और इसके बाद उन्होंने सूरत और मुंबई के अन्य डॉक्टरों की सलाह ली। इस बच्चे की जांच रिपोर्ट आई तो जानकारी सामेन आई कि बच्चे के शरीर में मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के लक्षण हैं।

यह भी पढ़ें...सियासी उठापटक के बीच केंद्रीय मंत्री की मुश्किलें बढ़ीं, घोटाले में जांच के आदेश

इस समय MIS-C बीमारी से जूझ रहे इस बच्चे के दिल की पंपिंग 30 प्रतिशत घट गई थी। बच्चे के शरीर नसें सूज गई थीं। जिसकी वजह से उसे दिल का दौरा पड़ने का खतरा हो सकता था। हालांकि डाॅक्टर ने सात दिन के इलाज के बाद उसे घर भेज दिया। अब इस बीच डॉक्टरों ने इस बीमारी के देश में फैलने की आशंका जताई है।

ये खतरनाक बीमारी 3 साल के बच्चे से लेकर 20 साल तक के किशोरों भी अपनी चपेट में ले सकता है। बच्चों को ज्यादा सावधानी की जरूरत है। डॉक्टरों के मुताबिक, कोरोना की तरह ही इसे भी जांच में पकड़ना मुश्किल होता है।

यह भी पढ़ें...भारत के लिए गर्व की बात: Oxford के कोरोना वैक्सीन ट्रायल में 1500 भारतीय शामिल

MIS-C से बचने का एक ही उपाय है कि इस बीमारी के लक्षणों को ध्यान में रखने की आवश्यकता है। बच्चे को जैसे ही बुखार, उल्टी, दस्त, आंखें और होंठ लाल नजर आए तो तुरंत बच्चे को डॉक्टर को दिखाना चाहिए। इस बीमारी का इलाज है, हालांकि समय पर इलाज नहीं मिलने से ये कोरोना से ज्यादा खतरनाक हो सकता है।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News