चीन की हर चाल से वाकिफ है भारत, अब फिर उठाएगा ये बड़ा कदम
एलएसी पर जारी विवाद के बीच मंगलवार को चीन की ओर से पूर्वी लद्दाख के कुछ विवादित बिंदुओं से अपनी सेनाओं की वापसी को लेकर बयान आए। भारत चीन पर पूरी तरह से भरोसा नहीं कर सकता है भारत पांचवे दौर की कोर कमांडर की बैठक में अपनी बात मजबूती से चीनी के सामने रखेगा।
नई दिल्ली: चीन अपनी हरकतों से दुनिया की नजरों मे पहले ही आ चुका है और भारत भी चीन की नापाक चाल में अब नहीं आने वाला है। एलएसी पर जारी विवाद के बीच मंगलवार को चीन की ओर से पूर्वी लद्दाख के कुछ विवादित बिंदुओं से अपनी सेनाओं की वापसी को लेकर बयान आए। भारत चीन पर पूरी तरह से भरोसा नहीं कर सकता है भारत पांचवे दौर की कोर कमांडर की बैठक में अपनी बात मजबूती से चीनी के सामने रखेगा। रक्षा सूत्रों के मुताबिक जल्द ही सैन्य स्तर की बैठक हो सकती है। क्योंकि दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के बीच एलएसी विवाद के हल को लेकर संयुक्त सचिव स्तर की डब्ल्यूएमसीसी की अहम बैठक हाल में चुकी है।
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बता दें 28 जुलाई को चीन ग्लोबल टाइम्स में उनके विदेश मंत्रालय के हवाले से यह बयान जारी किया है कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी के कुछ विवादित इलाकों से चीनी सेना की वापसी हो गई है और अब पांचवें दौर की सैन्य स्तर की बैठक की तैयार की जा रही है
सेना की वापसी पर सहमत चीन
उधर शुरुआती बैठकों के बाद सेना की वापसी पर सहमत चीन ने बीते 15 जून को गलवान घाटी के गश्त बिंदु 14 पर अपने वादे से मुकरते हुए हिंसक झड़प के दौरान 20 भारतीय जवानों की हत्या कर दी थी। भारत लद्दाख में जारी सीमा विवाद को हल करने के लिए हुई पिछले चार दौर की बैठकों में बनी सहमति का चीन द्वारा धरातल पर पालन न किए जाने को लेकर अपनी कड़ी नाराजगी चीनी पक्ष के समक्ष जाहिर करेगा।
पेंगांग त्सो झील के फिंगर इलाके, गलवान घाटी के हॉट स्प्रिंग, देपसांग प्लेंस के अलावा एलएसी के गहराई वाले इलाकों में भारी साजो सामान के साथ तैनात चीनी सेना की पूर्ण वापसी का मुद्दा भी उठाया जाएगा। पांचवें दौर की इस बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई लेह स्थित सेना की 14वीं कोर के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह करेंगे। जबकि चीनी दल का नेतृत्व दक्षिणी शिनजियांग सैन्य प्रांत के प्रमुख मेजर जनरल लियु लिन करेंगे।
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जमीनी स्तर पर महीन विशलेषण
भारतीय सेना एलएसी पर चीन के हर कदम का जमीनी स्तर पर महीन विशलेषण करने के अलावा उस पर कड़ी निगरानी भी रखेगी। पीएम नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख का दौर कर सुरक्षा हालात का जायजा ले चुके हैं। जम्मू कश्मीर स्थित सेना की उत्तरी कमांड के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वाई.के.जोशी कह चुके हैं कि ड्रैगन सेना अचानक से एलएसी के कुछ बिंदुओं पर आकर डट गई।
इस वक्त लद्दाख में तैनात किए गए सेना के करीब 40 हजार अतिरिक्त जवानों के लिए सर्दियों में तैनाती के लिए जरूरी राशन, टेंट, कपड़े, जूते, ईंधन, सैन्य रसद इत्यादि की तेज गति से सप्लाई की जा रही है। ऐसे में चीन पर पूरी तरह भरोसा करना उचित नहीं है।
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