चीनी सेना की हरकतों पर निगरानी के लिए भारत ने इस द्वीप में खोला तीसरा नेवी बेस
2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जबसे सत्ता संभाली है तब से भारत ने और मजबूत नीति के तहत यहां जहाजों और एयरक्राफ्टों को तैनात किया है।
नई दिल्ली: चीनी नौसेना की हरकतों की निगरानी करने के लिए भारत आज हिंद महासागर में प्रवेश करने वाले चीन के जहाजों और पनडुब्बियों पर नजर रखने के लिए अपना तीसरा नेवी बेस खोलने जा रहा है।
सामरिक नजरिए से बेहद अहम यह नेवी बेस अंडमान-निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर से करीब 300 किलोमीटर दूर उत्तर में स्थित एक रणनीतिक अहमियत रखने वाले द्वीप पर खोला जाएगा। विशेषज्ञों ने बताया कि इससे नजदीकी मलक्का जलडमरूमध्य से होकर हिंद महासागर में प्रवेश करने वाली चीनी पनडुब्बियों और जहाजों की निगरानी की जा सकेगी।
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चीन की चुनौतियों को काउंटर करने के लिए भारतीय मिलिटरी लंबे समय से अंडमान पर फोकस कर रही है जो मलक्का जलडमरूमध्य के प्रवेश मार्ग के नजदीक स्थित है। 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जबसे सत्ता संभाली है तब से भारत ने और मजबूत नीति के तहत यहां जहाजों और एयरक्राफ्टों को तैनात किया है।
यह अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में नेवी का तीसरा बेस है। इस पर 1,000 मीटर लंबा रनवे है जिसका इस्तेमाल हेलिकॉप्टरों और डोर्नियर सर्विलांस एयरक्राफ्टों के लिए होगा। नेवी के प्रवक्ता कैप्टन डी. के. शर्मा ने बताया कि रनवे को बढ़ाकर 3,000 मीटर करने की योजना है ताकि यह युद्धक विमानों के लिए भी इस्तेमाल हो सके।
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हर साल करीब 1 लाख 20 हजार जहाज हिंद महासागर से होकर गुजरते हैं और उनमें से करीब 70,000 मलक्का जलडमरूमध्य से होकर जाते हैं। पूर्व नेवी कमोडोर अनिल जय सिंह ने बताया, 'चीन की मौजूदगी लगातार बढ़ रही है। अगर हमें वाकई चीनी मौजूदगी पर नजर रखनी है तो हमें अंडमान द्वीप में पर्याप्त तैयारी करने की जरूरत है।'
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