भारत-पाक युद्धविराम: इससे पहले कब हुआ समझौता और कितनी बार हुआ उल्लघंन, यहां जानें
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जेन साकी ने कहा, 'भारत-पाकिस्तान एलओसी पर सीजफायर के कड़े नियमों का पालन करने पर सहमत हुए हैं। यह दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान के बीच जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर युद्धविराम को लेकर दोनों देशों के बीच सहमति बन गई है।
भारत और पाकिस्तान की सीमा पर नियंत्रण रेखा और अन्य क्षेत्रों में संघर्ष विराम पर सभी समझौतों का सख्ती से पालन करने के लिए दोनों देशों के संयुक्त बयान का अमेरिका ने स्वागत किया है।
अमेरिका ने कहा है कि यह दक्षिण एशिया में अधिक शांति और स्थिरता की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों ने भी भारत-पाक संघर्ष विराम समझौते का तारीफ की है।
अंतराष्ट्रीय मीडिया ने भारत-पाक संघर्ष विराम समझौते की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। तो आइए जानते हैं जम्मू कश्मीर में भारत-पाक सीमा पर कब और कितनी बार सीज फायर का उल्लघंन हुआ है। भारत ने पाक के साथ जम्मू कश्मीर में बॉर्डर पर संघर्ष विराम समझौते को लेकर क्या कुछ कहा है।
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कब -कब और कितनी बार हुआ सीजफायर का उल्लघंन
2018 में 2140 बार पाकिस्तान ने सीजफायर तोड़ा
2019 में 3479 बार सीजफायर का उल्लंघन किया
2020 में 5133 बार सीजफायर का उल्लंघन हुआ
2021 में 25 फरवरी तक 591 बार उल्लंघन हुआ
2003 में भारत और पाक के बीच एलओसी पर संघर्ष विराम को लेकर हुआ था समझौता
इससे पहले वर्ष 2003 में भारत और पाकिस्तान के बीच एलओसी पर युद्धविराम को लेकर समझौता हुआ था। लेकिन पिछले कई सालों से इस पर अमल नहीं किया जा रहा था। अब दोनों देश इस पर अमल करने के लिए तैयार हो गए हैं।
अमेरिका ने संघर्ष विराम पर क्या कहा है?
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जेन साकी ने कहा, 'भारत-पाकिस्तान एलओसी पर सीजफायर के कड़े नियमों का पालन करने पर सहमत हुए हैं। यह दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, जो हमारे साझा हित में है। हम दोनों देशों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।'
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कही ये बात
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा है कि यह सकारात्मक कदम दोनों देशों के बीच आगे संवाद के लिए एक अवसर प्रदान करेगा।
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एलओसी पर सैनिकों की तैनाती में कमी नहीं होगी: भारतीय सेना
भारतीय सेना ने कहा, "हमारे पास पाकिस्तान के साथ कड़वे अनुभवों का इतिहास है। अतीत में शांति प्रक्रिया या तो आतंकवाद या पाकिस्तान सेना के कृत्यों के कारण बेपटरी हुई है। हालांकि हम पूरी तरह से आशावादी बने हुए हैं। एलओसी पर शांति दोनों देशों के लिए पारस्परिक रूप से फायदेमंद है।"
एलओसी पर जवानों की तैनाती में कमी का कोई प्रस्ताव नहीं है, क्योंकि पाकिस्तान ने आतंकवाद को नहीं रोका है। भारतीय सेना ने उम्मीद जताई है कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद कर देगा।
भारतीय सेना ने कहा, "हमारा प्रयास शांति और स्थिरता हासिल करना है, जो क्षेत्र के लिए फायदेमंद है और विशेष रूप से एलओसी के किनारे रहने वाली आबादी के लिए, यह हिंसा के स्तर को नीचे लाने का एक प्रयास है।"
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