Hindi News : इस्लाम प्रमुख देश, मगर हर घर में पढ़ी जाती है रामायण

इडोनेशिया एक ऐसा देश है, जहां मुस्लिम लोगों की अधिकता है। इसके बावजूद इंडोनेशिया में भगवान राम के लिए खास जगह और सम्मान है।

Written By :  Aakanksha Dixit
Update:2024-01-09 18:50 IST

Indonesia ramayana images : source social media 

Ramayana epic: इडोनेशिया एक ऐसा देश है, जहां मुस्लिम लोगों की अधिकता है। इसके बावजूद इंडोनेशिया में भगवान राम के लिए खास जगह और सम्मान है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इंडोनेशिया में रामकथा यानी रामायण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इंडोनेशिया में रामायण का महत्व एक अद्भुत सांस्कृतिक और धार्मिक अनुभव को दर्शाता है, जिसने वहाँ के लोगों के जीवन में गहरा प्रभाव डाला है। रामायण की कथा ने इंडोनेशियन समाज में धार्मिक और नैतिक मूल्यों को समेटने में सहारा प्रदान किया है इस देश के मुस्लिम भगवान राम को अपने जीवन का नायक और रामायण को अपने दिल के सबसे करीब किताब मानते हैं। इंडोनेशिया की आबादी करीब 23.38 करोड़ के आसपास है। आपको बता दें कि इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश भी है।

1973 में इंडोनेशिया में अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मलेन का आयोजन

रामायण को स्थानीय भाषाओं के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। यह विशेष रूप से बालिनीस और जावानीस क्षेत्रों में प्रचलित है, जहां इसे नृत्य, संगीत और कला के माध्यम से प्रदर्शित किया जाता है। रामायण की कथा को इंडोनेशियन कला और साहित्य में अनेक प्रारूपों में पुनर्निर्मित किया गया है, जिससे चलते साल 1973 में इंडोनेशिया सरकार ने अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मलेन का आयोजन भी किया था, जो अपने आप में काफी अनूठा आयोजन था। क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ था, जब घोषित रूप से किसी मुस्लिम राष्ट्र ने पहली बार किसी अन्य धर्म के धर्मग्रन्थ के सम्मान में इस तरह का कोई आयोजन किया गया था। मुस्लिम राष्ट्र इंडोनेशिया में आज भी रामायण का इतना गहरा प्रभाव है कि देश के कई इलाकों में रामायण के अवशेष और रामकथा के चित्र का पत्थरों पर नक्काशी आसानी से मिल जाती हैं।

दोनों देशों की रामायण में है थोड़ा अंतर

भारत और इंडोनेशिया के रामायण में थोड़ा अंतर है। भारत में राम की नगरी जहां अयोध्या है, वहीं इंडोनेशिया में यह योग्या के नाम से स्थित है। यहां राम कथा को ककनिन, या काकावीन रामायण नाम से जाना जाता है। हमारे देश में प्राचीन सांस्कृतिक रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मिकी जी हैं, तो वहीं इंडोनेशिया में इसके रचयिता कवि योगेश्वर हैं। इंडोनेशिया में जो रामायण प्रचलित है, वो 26 अध्यायों का एक विशाल ग्रंथ है। इस रामायण में भगवान राम जी के पिता दशरथ जी को विश्वरंजन कहा गया है। इंडोनेशिया ने रामायण की कथा को अद्वितीय रूप से प्रस्तुत किया है।

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