Haryana News: ISRO अध्यक्ष एस. सोमनाथ को मिलेगा गोयल शांति पुरस्कार

Haryana News: गोयल अवॉर्ड कमेटी के को-चेयरमैन प्रो. एसपी सिंह ने बताया कि गोयल अवॉर्ड अमेरिका में रह रहे अप्रवासी भारतीय स्व. राम स्वरूप गोयल व कुरूक्षेत्र यूनिवर्सिटी के संयुक्त प्रयास से शुरू किया गया।

Written By :  Jugul Kishor
Update:2023-09-09 17:40 IST

ISRO अध्यक्ष एस. सोमनाथ (सोशल मीडिया)

Haryana News: अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ को गोयल शांति पुरस्कार 2021-22 से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है। पुरस्कार में एक पदक, प्रशस्ति पत्र और 2 लाख रुपये नकद अगले महीने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित पुरस्कार समारोह में दिए जाएंगे।

1992 में गोयल शांति पुरस्कार की हुई थी शुरूआत

गोयल अवॉर्ड कमेटी के को-चेयरमैन प्रो. एसपी सिंह ने बताया कि गोयल अवॉर्ड अमेरिका में रह रहे अप्रवासी भारतीय स्व. राम स्वरूप गोयल व कुरूक्षेत्र यूनिवर्सिटी के संयुक्त प्रयास से शुरू किया गया। अभी तक विभिन्न विषयों से जुड़े 110 प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों को वर्ष 1992 से अब तक गोयल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। 

इसरो के पूर्व अध्यक्ष को भी मिल चुका है गोयल शांति पुरस्कार

कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी ने जारी किए गए एक बयान में कहा कि हरियाणा के राज्यपाल और कुरूक्षेत्र यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय एवं सीएम मनोहर लाल ने एस सोमनाथ को गोयल शांति पुरस्कार से सम्मानित करने के निर्णय की सराहना की है। खास बात ये है कि इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के कस्तूरीरंगन को 1998 में, सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डॉ. बिंदेश्वर पाठक को 2015 में गोयल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

कुरूक्षेत्र यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने एक इंजीनियर और फिर इसरो के अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान मानवता के लाभ के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए अथक प्रयास किया है।

गोयल अवार्डस के कंवीनर प्रो. संजीव अरोड़ा ने बताया कि गोयल पुरस्कार के कुछ प्रतिष्ठित पुरस्कार विजेताओं में आईआईएससी बेंगलुरु के पूर्व निदेशक प्रो. सीएनआर राव, आईआईएससी में भटनागर पूर्व फेलो डॉ. गोवर्धन मेहता, डॉ. आरए माशेलकर, पूर्व महानिदेशक सीएसआईआर, डॉ. ओबैद सिद्दीकी, टीआईएफआर के राष्ट्रीय जैविक विज्ञान केंद्र के पूर्व निदेशक और डॉ. एके सूद, प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर, भारत सरकार शामिल हैं।  

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