PROBA-3 Mission : जानिए क्या है यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का PROBA-3 Mission, जिसकी ISRO ने की सफल लॉन्चिंग

PROBA-3 Mission : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने गुरुवार (5 December, 2024) को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के प्रोबा-3 उपग्रहों (Proba-3 Satellite Launch) के साथ PSLV-C59 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है।;

Newstrack :  Network
Update:2024-12-05 17:28 IST

PROBA-3 Mission : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने गुरुवार (5 December, 2024) को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के प्रोबा-3 उपग्रहों (Proba-3 Satellite Launch) के साथ PSLV-C59 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। इसरो ने कहा कि प्रोबा-3 मिशन के पीएसएलवी रॉकेट पर सवार दो उपग्रह सफलतापूर्वक अलग हो गए है। बता दें कि इससे पहले चार दिसंबर को लॉन्च किया जाना था, लेकिन कुछ तकनीकी कमी के कारण 5 दिसंबर को शाम 4:04 बजे सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया है।

इसरो ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट किया है, जिसमें कहा कि मिशन सफल! पीएसएलवी-सी59/प्रोबा-3 मिशन ने अपने प्रक्षेपण उद्देश्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त कर लिया है, जिससे ईएसए के उपग्रहों को सटीकता के साथ उनकी निर्धारित कक्षा में स्थापित किया जा सका है। यह इसरो की वाणिज्यिक शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) का एक समर्पित वाणिज्यिक मिशन था। 

इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस सोमनाथ ने इस चुनौतीपूर्ण मिशन को सही कक्षा स्थापित करने के लिए PSLV टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि कुछ सप्ताह बाद जब उपग्रहों को चालू घोषित कर दिया जाएगा, तो सूर्य के करीब उड़ान भरने वाला एक अंतरिक्ष यान उससे 150 मीटर दूर उड़ान भरने वाले दूसरे उपग्रह पर सटीक छाया डालेगा। इससे अंतरिक्ष में कृत्रिम सूर्य ग्रहण बनेगा। प्रत्येक कक्षा वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष आधारित कृत्रिम सूर्य ग्रहण की नकल करने के लिए छह घंटे का समय देगी। उन्होंने बताया कि बेल्जियम और स्पेन प्रमुख देशों के साथ इस मिशन को बनाने में ईएसए ने लगभग 200 मिलियन यूरो खर्च किए हैं।

इसरो ने 44.5 मीटर लंबे भारतीय रॉकेट का उपयोग करके अंतरिक्ष में 545 किलोग्राम वजन वाले दो उपग्रहों को स्थापित किया गया, जिसका वजन उड़ान के समय 320 टन था। उड़ान के लगभग 18 मिनट बाद, दोनों उपग्रहों को पृथ्वी से 600 किमी की ऊंचाई पर छोड़ा गया। 

विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रोबा-3 दुनिया का पहला सटीक उड़ान मिशन है। यह मिशन इस मायने में अद्वितीय है कि यह सौर कोरोना, सूर्य के वायुमंडल की सबसे बाहरी और सबसे गर्म परत का अध्ययन करेगा। पीएसएलवी को यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) द्वारा उपग्रहों की एक बहुत ही विशेष जोड़ी को लॉन्च करने का काम सौंपा गया था, जो अब अंतरिक्ष में उड़ान भरते हुए सटीक संरचना के माध्यम से पूर्ण सूर्य ग्रहण का अनुकरण करेगा। 

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