बड़ी खबर: पूर्व IAS शाह फैसल समेत कई नेताओं पर सरकार का बड़ा फैसला

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती के एक करीबी रिश्तेदार सहित पीडीपी के दो सदस्यों के खिलाफ जन सुरक्षा कानून (पीएसए) बुधवार को हटा दिया। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। बुधवार को प्रशासन ने यह फैसला लिया और नेताओं को बंदीगृह से रिहा कर दिया।

Update: 2020-06-03 14:29 GMT

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती के एक करीबी रिश्तेदार सहित पीडीपी के दो सदस्यों के खिलाफ जन सुरक्षा कानून (पीएसए) बुधवार को हटा दिया। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। बुधवार को प्रशासन ने यह फैसला लिया और नेताओं को बंदीगृह से रिहा कर दिया।

 

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पीएसए के तहत मामला दर्ज

जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के अध्यक्ष शाह फैसल के खिलाफ विवादास्पद पीएसए 14 मई को 3 महीने के लिए बढ़ा दिया गया था, लेकिन केंद्र शासित प्रदेश के गृह विभाग के एक आदेश के बाद इस आदेश को अब हटा दिया गया।

फैसल जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द किए जाने के बाद से हिरासत में थे। उनके खिलाफ इस साल फरवरी में पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया था। गृह विभाग ने पीडीपी के वरिष्ठ नेता सरताज मदनी और पीर मंसूर के खिलाफ भी पीएसए हटा दिया। मदनी एक सरकारी बंगले में नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर के साथ रखे गए थे। उनकी हिरासत 5 मई को तीन महीने के लिए बढ़ा दी गई थी।

बता दें कि नजम्मू-कश्मीर में इस कानून को लेकर काफी विवाद रहा है। विपक्ष के नेताओं ने आरोप लगाए कि अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद प्रशासन ने इसका गलत इस्तेमाल किया और विरोधी आवाज उठाने वालों को इस कानून के नाम पर जेल में बंद कर दिया।

 

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उमर अब्दुल्ला ने किया स्वागत

बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद शाह फैसल को पिछले साल 14 अगस्त को सीआरपीसी की धारा 107 के तहत हिरासत में लिया गया था।

इन नेताओं की रिहाई का नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने स्वागत किया है। अब्दुल्ला ने कहा कि पीर मंसूर और सरताज मदनी को रिहा कर दिया गया है लेकिन दुख की बात है कि महबूबा मुफ्ती, सागर और हिलाल लोन अब भी हिरासत में हैं।

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