Jammu Kashmir : कठुआ आतंकी हमले में सेना ने दागे 5,189 राउंड गोलियां, लगाए भगवान की जयकार

Jammu Kashmir : अधिकारियों ने कहा, 'जब भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने उनके काफिले पर घात लगाकर हमला किया तो 22 गढ़वाल रेजिमेंट के जवान आश्चर्यचकित हो गए। लेकिन उन्होंने तुरंत ही खुद को संभालते हुए अपने घायल साथियों की रक्षा के लिए 5,100 से अधिक राउंड गोलियां चलाईं और आतंकवादियों को कठुआ की पहाड़ियों में भागने पर मजबूर कर दिया। अतिरिक्त बलों के पहुंचने से पहले दो घंटे से अधिक समय तक लगातार गोलीबारी हुई।'

Newstrack :  Network
Update: 2024-07-10 14:51 GMT

भारतीय सेना के जवान (सोशल मीडिया)

Jammu Kashmir : जम्मू क्षेत्र के कठुआ जिले में बदनोटा गांव के पास मचेड़ी-किंदली-मल्हार पहाड़ी मार्ग पर आतंकियों ने सेना के दो वाहनों पर गोलीबारी की थी। इस हमले में पांच जवान शहीद हो गए और पांच घायल हो गए थे। इस आतंकी हमले के दो दिन बाद भारतीय सेना के उच्च अधिकारियों ने घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी है।

अधिकारियों ने कहा, 'जब भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने उनके काफिले पर घात लगाकर हमला किया तो 22 गढ़वाल रेजिमेंट के जवान आश्चर्यचकित हो गए। लेकिन उन्होंने तुरंत ही खुद को संभालते हुए अपने घायल साथियों की रक्षा के लिए 5,100 से अधिक राउंड गोलियां चलाईं और आतंकवादियों को कठुआ की पहाड़ियों में भागने पर मजबूर कर दिया। अतिरिक्त बलों के पहुंचने से पहले दो घंटे से अधिक समय तक लगातार गोलीबारी हुई।'

अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद साक्ष्यों, खून से सने हेलमेट, गोलियों के खोखे और टूटी विंडस्क्रीन और पंचर टायरों वाले वाहनों की जांच कर रहे हैं। साथ ही घायल सैनिकों से बात कर यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि 8 जुलाई की दोपहर को किस तरह की घटना हुई। एक अधिकारी ने बताया कि माना जा रहा है कि आतंकवादी तीन लोगों के समूह में थे और उन्होंने दो अलग-अलग स्थानों पर घात लगाकर वाहनों और सेना के जवानों को निशाना बनाया।

जम्मू में एक महीने में यह पांचवां हमला

बता दें कि एक महीने में जम्मू में हुए यह पांचवां हमला है और कश्मीर घाटी की तुलना में अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण इलाके में हुआ है। हमला दोपहर करीब साढ़े तीन बजे शुरू हुआ। एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि कठिन शारीरिक और मानसिक चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, भारतीय सेना के गढ़वाल रेजिमेंट के जवानों ने आतंकवादियों पर 5,189 राउंड की गोलीबारी की, जिससे उन्हें घटनास्थल से भागने पर मजबूर होना पड़ा।

घायल जवानों का पठानकोट के सेना अस्पताल में इलाज चल रहा है। इनमें राइफलमैन कार्तिक सिंह भी शामिल हैं। आतंकवादियों के दागे गए ग्रेनेड के छर्रे से उनका दाहिना हाथ कई जगहों पर छिल गया था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने बाएं हाथ से तब तक गोलीबारी करते रहे, जब तक उनका हथियार जाम नहीं हो गया।

एक अधिकारी ने कहा, 'गंभीर चोटों के बावजूद भी सैनिकों ने अपनी ड्यूटी के प्रति अटूट बहादुरी और निस्वार्थ समर्पण का परिचय दिया।' उन्होंने कहा, 'सटीक और निरंतर जवाबी फायरिंग ने आतंकवादियों में दहशत पैदा कर दी और उन्हें पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा, तथा क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए अतिरिक्त बल की आवश्यकता पड़ी.' यह साहस की कहानियों में से एक है।

गढ़वाल रेजिमेंट के जवानों ने लगाया युद्ध का नारा

शहीद होने वालों में उत्तराखंड के नायब सूबेदार आनंद सिंह, हवलदार कमल सिंह, नायक विनोद सिंह, राइफलमैन अनुज नेगी और राइफलमैन आदर्श नेगी शामिल थे। जवानों का नेतृत्व जूनियर कमीशन अधिकारी नायब सूबेदार आनंद सिंह कर रहे थे। जब वे वापस लड़ रहे थे, तो 22 गढ़वाल रेजिमेंट के जवानों ने युद्ध का नारा लगाया "बद्री विशाल की जय" (भगवान बद्रीनाथ के पुत्रों की जय)।

एक अधिकारी ने कहा, 'शुरुआती झटके और चोटों के बावजूद, गढ़वाल रेजिमेंट के बहादुर सैनिकों ने अपने आदर्श वाक्य 'युद्धया कृत निश्चय' (दृढ़ संकल्प के साथ लड़ो) को चरितार्थ किया और दो घंटे से अधिक समय तक डटे रहे।' प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के संगठन कश्मीर टाइगर्स ने हमले की जिम्मेदारी ली है।

आतंकवादी हमले के एक दिन बाद मंगलवार को कठुआ में आतंक विरोधी अभियान जारी था। तीन विदेशी आतंकवादियों के होने की विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर तलाशी और घेराबंदी अभियान के बाद डोडा जिले में फिर से गोलीबारी हुई।

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