घर बैठे पढ़ाई: यहां शुरु जोहार पाठशाला, बिना स्कूल जाएं बच्चों को ऐसे मिलेगी शिक्षा

वैश्विक महामारी कोविड-19 की वजह से स्कूल-कॉलेज समेत अन्य शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। ऐसे में बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है। विशेषकर 10वीं और 12वीं के स्कूली बच्चे अपनी परीक्षाओं को लेकर चिंतित हैं।;

Update:2020-10-27 19:56 IST
घर बैठे पढ़ाई: यहां शुरु जोहर पाठशाला, बिना स्कूल जाएं बच्चों को ऐसे मिलेगी शिक्षा

वैश्विक महामारी कोविड-19 की वजह से स्कूल-कॉलेज समेत अन्य शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। ऐसे में बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है। विशेषकर 10वीं और 12वीं के स्कूली बच्चे अपनी परीक्षाओं को लेकर चिंतित हैं। ऐसे में प्राइवेट स्कूलों के द्वारा ऑनलाइन क्लासेज की व्यवस्था तो की गई है लेकिन सरकारी विद्यालों का हाल बुरा है। झारखंड के कोल्हान प्रमंडल में 9वीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए यूट्यूब आधारित जोहार पाठशाला की शुरुआत की गई है। इसमें वीडियो आधारित पाठ्यक्रम के साथ ही पीडीएफ फॉर्मेट में पूर्व के वर्षों के प्रश्न पत्र और करियर गाइडलाइंस दिए गए हैं। झारखंड में अपनी तरह की यह पहली कोशिश है।

लॉकडॉन की वजह से स्कूल कॉलेज बंद

अन्य राज्यों की तरह झारखंड में भी स्कूल-कालेज बंद हैं। लॉकडॉन की वजह से बच्चों को स्कूल नहीं बुलाया जा रहा है। हालांकि, सरकार की ओर से कुछ रियायत दी गई हैं लेकिन रेगुलर क्लासेज नहीं हो रहे हैं। ऐसे में ऑनलाइ क्लासेज का ही सहारा है। कोल्हान प्रमंडल के आयुक्त डॉ. मनीष रंजन और पश्चिम सिंहभूम ज़िला के उपायुक्त अरवा राजकमल की पहल पर यूट्यूब पर वीडियो आधारित क्लासेज शुरू की गई है। प्रमंडलीय आयुक्त ने बताया कि, जोहार पाठशाला से 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को विशेष लाभ होगा। आने वाले दिनों में और भी वीडियो अपलोड किए जाएंगे।

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जैक आधारित है पाठ्यक्रम

जोहार पाठशाला का पाठ्यक्रम झारखंड एकेडमिक काउंसिल यानी जैक के पाठ्यक्रम से लिया गया है। इसे तैयार करने वाले शिक्षकों ने आसान तरीके से बच्चों को सब्जेक्ट की जानकारी दी है। वीडियो की क्वालिटी भी उच्च स्तर की है। लिहाज़ा, बच्चों को पढ़ाई में बोर नहीं होना पड़ेगा। जोहार पाठशाला की शुरुआत करते हुए प्रमंडलीय आयुक्त डॉ. मनीष रंजन ने इसका लिंक भी शेयर किया। जोहार पाठशाला एक्सेस करने के लिए इस लिंक पर जाना होगा ।

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स्कूल में शिक्षक और घरों में बच्चे

झारखंड सरकार की स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति को अनिवार्य कर दिया है। लिहाज़ा, स्कूल में बच्चे तो नज़र नहीं आते लेकिन शिक्षक अपना समय ग़ुज़ार कर चले जाते हैं। विभागीय स्तर पर कोई काम हो या फिर रजिस्टर मेनटेन करने के अलावा शिक्षकों के पास कोई दूसरा काम नहीं हैं। बीआरसी की ओर से मिलने वाली पाठ्य सामाग्री को शिक्षक बच्चों के वाह्टसअप नबंर पर फॉरवर्ड कर देते हैं। इसे ही ऑनलाइन पढ़ाई बताया जा रहा है। हालांकि, विभागीय स्तर पर इसपर मंथन चल रहा है कि, ऑनलाइन पढ़ाई का कितना लाभ बच्चों को मिल रहा है। साथ ही कितने बच्चे इससे लाभांवित हो रहे हैं।

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कोरोना संक्रमित शिक्षा मंत्री अस्पताल में भर्ती

लॉकडॉन के बीच झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए। बेहतर इलाज के लिए उन्हे चेन्नई भेजा गया है। लिहाज़ा, विभागीय मंत्री की ग़ैर मौजूदगी में विभाग का कामकाज प्रभावित हो रहा है। बच्चों की पढ़ाई पहले से प्रभावित है।

शाहनवाज़ की रिपोर्ट

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