Chhattisgarh News:112 करोड़ के घोटाले का खुलासा करने वाले पत्रकार को सेप्टिक टैंक में चुनवाया
Chhattisgarh News: 1 जनवरी को सुरेश चंद्राकर के भाई रितेश ने पत्रकार मुकेश को एक प्रॉपर्टी पर बुलाया था। इसके बाद से मुकेश का फोन बंद जाने लगा था। जांच में बीजापुर पुलिस को मुकेश का शव सुरेश चंद्राकर की प्रॉपर्टी पर स्थित एक पानी की टंकी से बरामद हुआ।
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर टीवी पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने एक ठेकेदार के घोटाले को उजागर कर दिया तो उसे आरोपी ने ऐसी सजा दी जिसे कोई सोच भी नहीं सकता है। आरोप है कि पत्रकार मुकेश को मार कर उसके शव को सेप्टिक टैंक में डाल दिया गया और उसके ऊपर प्लास्टर कर दिया गया। मुकेश चंद्राकर का शव 3 जनवरी को ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की प्रॉपर्टी पर स्थित सेप्टिक टैंक मिला जो हड़कंप मच गया। मुकेश 1 जनवरी से लापता थे। परिजनों ने मुकेश की काफी खोजबीन की उसके बाद भी जब उसका कहीं पता नहीं चला तो परिजनों ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। जब पुलिस ने मुकेश की तलाश के लिए ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के घर की तलाशी ली तो पुलिस भी चौंक गई। पुलिस को ठेकेदार के पानी की टंकी से एक शव बरामद हुआ। शव की पहचान पत्रकार मुकेश चंद्राकर के रूप में हुई।
बताया जा रहा है कि 1 जनवरी को सुरेश चंद्राकर के भाई रितेश ने पत्रकार मुकेश को एक प्रॉपर्टी पर बुलाया था। इसके बाद से मुकेश का फोन बंद जाने लगा था। जांच में बीजापुर पुलिस को मुकेश का शव सुरेश चंद्राकर की प्रॉपर्टी पर स्थित एक पानी की टंकी से बरामद हुआ।
पुलिस ने इस मामले में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और उनके भाई रितेश से पूछताछ कर रही है। शुरुआती जांच में हत्या की आशंका जताई जा रही है। बता दें कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के भ्रष्टाचार का खुलासा किया था। सुरेश चंद्राकर को बस्तर में 120 करोड़ की सड़़क बनाने का ठेका मिला था। मुकेश की खबर के बाद सरकार ने ठेकेदार के खिलाफ जांच का आदेश दिया था। इसके बाद एक जनवरी से मुकेश का कुछ भी पता नहीं चल रहा था। दावा है कि मुकेश को आखिरी बार कॉल ठेकेदार सुरेश चंद्रकार के भाई रीतेश ने किया था। इसके बाद एक जनवरी से ही मुकेश का फोन स्विच ऑफ आता रहा। अब भ्रष्टाचार के आरोपी ठेकेदार के परिसर में ही टैंक से मुकेश चंद्राकर का शव मिला है। दावा है कि टैंक में शव को डालकर उसके ऊपर प्लास्टर तक तुरंत कर दिया गया था, जिसके बाद पुलिस को शक हुआ।