केरल में माकपा ने 25 विधायकों के टिकट काटे, नए नियम के खिलाफ पार्टी में बगावत
विधानसभा के स्पीकर और पांच मंत्री भी इसी दायरे में हैं और उन्हें भी इस बार चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिलेगा। पार्टी की ओर से बनाए गए इस नए नियम पर माकपा पोलित ब्यूरो ने भी मुहर लगा दी है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: केरल में इस बार विधानसभा चुनाव के संबंध में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने बड़ा फैसला लिया है। पार्टी ने फैसला लिया है कि लगातार दो बार चुनाव जीतने वाले विधायकों को इस बार टिकट नहीं दिया जाएगा। पार्टी के इस बड़े फैसले से 25 विधायकों को इस बार टिकट नहीं मिल पाएगा।
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विधानसभा के स्पीकर और पांच मंत्री भी इसी दायरे में हैं और उन्हें भी इस बार चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिलेगा। पार्टी की ओर से बनाए गए इस नए नियम पर माकपा पोलित ब्यूरो ने भी मुहर लगा दी है। भाकपा ने भी तीन बार से अधिक विधायक रहने वालों के टिकट काटने का फैसला किया है।
नए चेहरों को मिलेगा मौका
इस फैसले के खिलाफ केरल के विभिन्न हिस्सों में गहरी नाराजगी है और तमाम नेताओं के समर्थकों ने बगावती तेवर दिखाना शुरू कर दिया है। कई इलाकों में इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन और पोस्टर वार भी शुरू हो चुका है। हालांकि पार्टी का नेतृत्व अपने फैसले पर अडिग है। पार्टी नेतृत्व ने इस बार नए चेहरों को मौका देने का फैसला किया है।
राज्य समिति ने बनाया यह नया नियम
माकपा की राज्य समिति की ओर से यह नया नियम बनाया गया है जिसमें कहा गया है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में ऐसे विधायकों को चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिलेगा जो लगातार दो बार से विधायक चुने जा रहे हैं। जानकारों के मुताबिक इस नियम के तहत इस बार पार्टी के 25 विधायक चुनाव में नहीं उतर पाएंगे।
जिन विधायकों को टिकट कट रहे हैं उनमें 5 विधायक ऐसे हैं जो लगातार छह बार से चुनाव जीत रहे थे। एक विधायक 5 बार से, तीन विधायक चार बार से और चार विधायक तीन बार से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच रहे थे। अब इन सभी विधायकों को इस बार चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिलेगा।
पहले यह नियम 2019 में चुनाव लड़ चुके प्रत्याशियों पर भी लागू किया जाना था, लेकिन बाद में लोकसभा चुनाव को इस दायरे से बाहर कर दिया गया।
मुख्यमंत्री विजयन ने की नियम की वकालत
मुख्यमंत्री पी विजयन भी पांच बार राज्य के विधायक रह चुके हैं मगर वे लगातार दो बार चुनाव नहीं जीते हैं। इसलिए वे इस नए नियम से प्रभावित नहीं होंगे। राज्य के कई नेताओं ने पार्टी की ओर से बनाए गए इस नए नियम पर नाराजगी जताई है जबकि मुख्यमंत्री पी विजयन का कहना है कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि यह नियम हर किसी पर लागू होगा। उन्होंने कहा कि अगले चुनाव में मैं भी टू टर्म नार्म के दायरे में आ जाऊंगा। उन्होंने कहा कि किसी भी विधायक को इस नए नियम पर नाराजगी नहीं जतानी चाहिए।
राज्य के कई हिस्सों में हो रहा व्यापक विरोध
पार्टी के इस फैसले के खिलाफ राज्य के कई हिस्सों में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। खासकर उन नेताओं के इलाकों में पार्टी के इस फैसले का कड़ा विरोध हो रहा है जिनके टिकट काटे गए हैं।
टिकट से वंचित होने वाले कई विधायकों के समर्थकों ने पोस्टर वार भी शुरू कर दिया है। मंत्री पी जयराजन का टिकट काटे जाने से नाराज उनके समर्थकों ने कन्नूर में प्रदर्शन करते हुए विरोध जताया। समर्थकों ने फेसबुक पर डीजे आर्मी कैंपेन भी शुरू कर दिया है।
भाकपा ने भी लिया बड़ा फैसला
माकपा की तरह भाकपा ने भी तीन बार से ज्यादा के विधायकों को टिकट काटने का फैसला किया है। पार्टी के इस फैसले से भाकपा के तीन मंत्रियों के टिकट कटना तय है।भाकपा और माकपा के मिलाकर मौजूदा समय में 77 विधायक हैं और इन दोनों सियासी दलों के फैसले से काफी संख्या में विधायकों के टिकट कटेंगे।
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टिकट कटने से बढ़ रही नाराजगी को शांत करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने प्रयास भी शुरू दिए हैं मगर उन्हें इस काम में कामयाबी नहीं मिल रही है। अब देखने वाली बात यह होगी कि दोनों दल टिकट से वंचित विधायक और उनके समर्थकों की नाराजगी को कैसे शांत करते हैं।
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