पीएम मोदी का ऐलान: हर वर्ष आयोजित होंगे खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘खेलो इंडिया’ की मेजबानी के लिए असम सरकार और प्रदेश के लोगों को बधाई दी और इसमें 56 रेकॉर्ड तोड़ने वाली बालिकाओं को शुभकामनाएं दीं।

Update:2020-01-26 21:39 IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘खेलो इंडिया’ की मेजबानी के लिए असम सरकार और प्रदेश के लोगों को बधाई दी और इसमें 56 रेकॉर्ड तोड़ने वाली बालिकाओं को शुभकामनाएं दीं।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता के माध्यम से जहां खिलाड़ियों को अपना जज्बा दिखाने का मौका मिलता है वहीं वे दूसरे राज्यों की संस्कृति से भी रूबरू होते हैं। इसलिए हमने ‘खेलो इंडिया युवा खेल’ की तर्ज पर ही हर वर्ष ‘खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स’ भी आयोजित करने का निर्णय लिया है।

प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा, 'मैं असम की सरकार और असम के लोगों को ‘खेलो इंडिया’ की शानदार मेज़बानी के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

22 जनवरी को ही गुवाहाटी में तीसरे ‘खेलो इंडिया’ प्रतियोगिता का समापन हुआ है, इसमें विभिन्न राज्यों के लगभग छह हज़ार खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।'

उन्होंने आगे कहा, 'खेलों के इस महोत्सव के अंदर 80 रिकॉर्ड टूटे और मुझे गर्व है कि जिनमें से 56 रिकॉर्ड तोड़ने का काम हमारी बेटियों ने किया है, ये सिद्धि, बेटियों के नाम हुई है।'

उन्होंने कहा कि वह सभी विजेताओं, इसमें हिस्सा लेने वाले सभी प्रतिभागियों को बधाई देते हैं, साथ ही ‘खेलो इंडिया प्रतियोगिता’ के सफल आयोजन के लिए इससे जुड़े सभी लोगों, प्रशिक्षकों और तकनीकी अधिकारियों का आभार व्यक्त करते हैं।

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खेलो इंडिया प्रतियोगिता में खिलाड़ियों की भागीदारी बढ़ी

पीएम मोदी ने कहा कि यह हम सबके लिये बहुत ही सुखद है कि साल-दर-साल ‘खेलो इंडिया प्रतियोगिता में खिलाड़ियों की भागीदारी बढ़ रही है। यह बताता है कि स्कूली स्तर पर बच्चों में खेल के प्रति झुकाव कितना बढ़ रहा है।

पीएम मोदी ने कहा, 'मैं आपको बताना चाहता हूँ, कि 2018 में, जब ‘खेलो इंडिया प्रतियोगिता’ की शुरुआत हुई थी, तब इसमें पैंतीस-सौ खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था, लेकिन महज़ तीन वर्षों में खिलाड़ियों की संख्या छह हज़ार से अधिक हो गई है, यानि क़रीब-क़रीब दोगुनी।'

उन्होंने कहा, 'इतना ही नहीं, सिर्फ तीन वर्षों में ‘खेलो इंडिया प्रतियोगिता’ के माध्मय से, बत्तीस-सौ प्रतिभाशाली बच्चे उभर कर सामने आये हैं, इनमें से कई बच्चे ऐसे हैं जो अभाव और ग़रीबी के बीच पले-बढ़े हैं।'

सफाई कर्मचारी के बच्चों के मुरीद बने पीएमप्रधानमंत्री ने कहा कि ‘खेलो इंडिया प्रतियोगिता’ में शामिल होने वाले बच्चों और उनके माता-पिता के धैर्य और दृढ़ संकल्प की कहानियां ऐसी हैं जो हर हिन्दुस्तानी को प्रेरणा देगी।

उन्होंने इस संदर्भ में गुवाहाटी की पूर्णिमा मंडल का जिक्र करते हुए कहा कि गुवाहाटी नगर निगम में एक सफाई कर्मचारी हैं, लेकिन उनकी बेटी मालविका ने जहाँ फुटबॉल में दम दिखाया, वहीं उनके एक बेटे सुजीत ने खो-खो में, तो दूसरे बेटे प्रदीप ने, हॉकी में असम का प्रतिनिधित्व किया।

प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु में बीड़ी बनाने का कार्य करने वाले योगानंथन का जिक्र जिनकी बेटी पुर्णाश्री ने भरोत्तोलन का गोल्ड मेडल हासिल किया।

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भारत को मिला अपना डेविड बेकहम!

पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि जब वह डेविड बेकहम का नाम लेंगे तो लोग कहेंगे मशहूर अंतरराष्ट्रीय फुटबाल खिलाड़ी हैं लेकिन अब अपने पास भी एक डेविड बेकहम है और उसने, गुवाहाटी के युवा खेल में स्वर्ण पदक जीता है।

वह भी साइक्लिंग स्पर्धा के 200 मीटर में. उन्होंने भिवानी के प्रशांत सिंह कन्हैया ने ‘पोल वोल्ट’ स्पर्धा में अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने का काम किया। 19 साल के प्रशांत एक किसान परिवार से हैं।

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