Kolkata Rape Murder Case: टेंडर में 20 प्रतिशत कमीशन, छात्रों को शराब सप्लाई, साथी डॉक्टर कहते हैं माफिया... कौन है आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष?
Kolkata Rape Murder Case:संदीप घोष के बारे में आरजी कर अस्पताल के प्रोफेसर और पूर्व उपाधीक्षक डॉ अख्तर अली ने कहा, वह एक बहुत भ्रष्ट आदमी है। वह छात्रों को फेल करते थे, 20 प्रतिशत कमीशन लेते थे। गेस्ट हाउस में छात्रों को शराब सप्लाई करते थे। वह किसी माफिया की तरह है, बहुत पावरफुल।
Kolkata Rape Murder Case: डॉक्टर संदीप घोष यह वह नाम है जो कोलकाता के अस्पताल में महिला डाक्टर से रेप और मर्डर कांड के बाद सुर्खियों में आया है। अब ये नाम लगातार एक के बाद एक कई विवादों और कानूनी जांच से घिर चुका है। डाक्टर संदीप घोष उसी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल हैं। कोलकाता का ये वही अस्पताल है जहां काम करने वाली ट्रेनी डॉक्टर के साथ हैवानियत को अंजाम दिया गया। यह पहली बार नहीं है जब संदीप घोष पर किसी तरह का आरोप लग रहा है।
डाक्टर संदीप घोष का करियर भ्रष्टाचार, गैर कानून गतिविधियों और सत्ता के दुरुपयोग के आरोपों से घिरा रहा, लेकिन अब उनका कार्यकाल सार्वजनिक और कानूनी जांच का केंद्र बिंदु बन गया है।
कौन हैं संदीप घोष, जानें पूरी प्रोफाइल
संदीप घोष का जन्म पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से लगभग 80 किमी दूर स्थिति बनगांव में हुआ। वे यहीं पले-बढ़े। डॉ. घोष ने अपनी पढ़ाई 1989 में बनगांव हाई स्कूल से पूरी की और बाद में उन्होंने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज से मेडिकल की पढ़ाई की और 1994 में ग्रेजुएट की डिग्री ली। उनकी शुरुआती शिक्षा और व्यावसायिक यात्रा तो काफी अच्छी रही, लेकिन डॉ. घोष का बाद का करियर काफी विवादों से भरा हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बंगाल के एक अन्य अस्पताल से जुड़े एक प्रोफेसर ने ऑफ द रिकॉर्ड कहा, घोष इस पोस्ट के इंटरव्यू के लिए प्रिंसिपलों की लिस्ट में 16वें स्थान पर थे। लेकिन वह रातोंरात लिस्ट में टॉप पर पहुंच गए और 2021 में प्रिंसिपल बन गए।
पावर मिलने के बाद लोग बदल जाते हैं
डॉ. बिदिशा दत्ता, जो संदीप घोष की बैच मेट थीं, ने कहा, वह आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व छात्र हैं। वह 1989 के बैच में थे और 1994 में पास आउट हुए। जब हम कॉलेज में थे तब वह हमारा दोस्त नहीं था, लेकिन हमने कभी उसे शरारती छात्र के रूप में नहीं देखा। लेकिन हो सकता है कि पावर मिलने के बाद वह बदल गया हो। पावर मिलने के बाद कई लोग बदल जाते हैं। डॉ. दत्ता ने कहा, संदीप घोष को पहली बार नेशनल मेडिकल कॉलेज के एमएसवीपी के रूप में नियुक्त किया गया था।
दो बार हुआ ट्रांसफर, वापस लेना पड़ा आदेश
डाक्टर संदीप घोष के खिलाफ राज्य स्वास्थ्य विभाग को कई शिकायतें भेजी जा चुकी हैं। उनके खिलाफ एक जांच भी बैठाई गई थी। इसका परिणाम यह हुआ कि दो बार संदीप घोष का ट्रांसफर हुआ और दोनों बार वह ट्रांसफर ऑर्डर को पलटवाने में कामयाब रहे। कथित तौर पर, उनके छात्रों और इंटर्न्स के एक ग्रुप ने घोष के पक्ष में विरोध प्रदर्शन भी किया था।
बेहद गंभीर आरोप
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल रहने के दौरान डाक्टर घोष पर अक्सर गंभीर कदाचार के आरोप लगते रहे। आरोपों में वित्तीय भ्रष्टाचार से लेकर अवैध कमीशन और टेंडर हेरफेर जैसे विभिन्न माध्यमों से धन की उगाही से लेकर, पोस्टमार्टम के लिए रखी गई लाशों के गैर-कानूनी इस्तेमाल जैसे गंभीर मामले शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि, घोष पर धन उगाही से लेकर दवाओं की अवैध बिक्री और मानवाधिकार उल्लंघन जैसे कई भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। कई बार कॉलेज के स्टाफ ने स्वास्थ्य विभाग को इसे लेकर पत्र भी लिखा लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
वो किसी माफिया तरह की है
डाक्टर संदीप घोष के बारे में आरजी कर अस्पताल के प्रोफेसर और पूर्व उपाधीक्षक डॉक्टर अख्तर अली ने कहा, वह एक बहुत भ्रष्ट आदमी है। वह छात्रों को फेल करते थे, 20 प्रतिशत कमीशन लेते थे। टेंडर के मामले में वह मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के हर काम से पैसे वसूलते थे और गेस्ट हाउस में छात्रों को शराब सप्लाई करते थे। वह किसी माफिया की तरह है, बहुत पावरफुल। मैंने उनके खिलाफ 2023 में शिकायत की थी लेकिन फिर उसके बाद मेरा ट्रांसफर कर दिया गया।
डॉ. अख्तर अली ने कहा, ’मैंने 2023 में उनके खिलाफ शिकायत की थी... उनका इस्तीफा (रेप और हत्या के बाद) एक दिखावा था। 8 घंटे के भीतर उन्हें कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल बना दिया गया था।
सामने आया भ्रष्टाचार का पूरा पैटर्न
मेडिकल कालेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई रेप और मर्डर की घटना से छात्रों और कर्मचारियों में बड़े पैमाने पर आक्रोश फैल गया, जिसके कारण घोष के इस्तीफे की मांग उठी। इस घटना ने कथित भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों के एक पैटर्न को उजागर किया है, जिसमें पूर्व सहयोगियों और कर्मचारियों ने घोष पर संस्थान के भीतर ’माफिया जैसा’ ऑपरेशन चलाने का आरोप लगाया।
सीबीआई ने 13 घंटे तक किए सवाल-जवाब
छात्रों को जानबूझकर फेल करने और संस्थागत संसाधनों के दुरुपयोग के दावों ने उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल कर दिया है। ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई रेप और मर्डर के मामले की जांच सीबीआई कर रही है। शनिवार को सीबीआई ने डॉक्टर घोष से करीब 13 घंटे तक पूछताछ की। घोष के कथित भ्रष्टाचार की गहराई और हर बार उन्हें कार्रवाई से बचाने वाले नेटवर्क ने संस्थान की प्रतिष्ठा पर एक गहरा धब्बा लगा दिया है। कानूनी जांच और लोगों का गुस्सा इन आरोपों की गंभीरता और मामले से निपटने में पारदर्शिता और न्याय की मांग को दिखाता है।
डॉ. अख्तर अली ने कहा, ’मैंने 2023 में उनके खिलाफ शिकायत की थी... उनका इस्तीफा (रेप और हत्या के बाद) एक दिखावा था। 8 घंटे के भीतर उन्हें कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल बना दिया गया था।