देखें तस्वीरें : कैसे दो सरकारों के बीच लड़ाई में बे-बस हुए मजदूर ?

मजदूर अपने घर लौटने के लिए परेशान हैं। हजारों बस कई दिन तक बॉर्डर पर धूल खाती रही लेकिन पार्टियों की सियासी भूख, मजदूरों की पेट की भूख पर हावी हो गयी।

Update:2020-05-25 19:36 IST

लखनऊ : भूख उन्हें कई सौ किलोमीटर दूर लेकर गयी थी, लेकिन वो मजदूर आज जब वापस आना चाहते हैं तो सरकारों की सियासी जंग के आगे उनकी ज़िन्दगी बहुत छोटी नजर आ रही है। अपने, लाचार और बेबस मजदूर तो कई बार देखें होंगे, लेकिन आज हम आपको राजनीति की भेंट चढ़ गए बे-बस मजदूरों को दिखाएंगे ।

मजदूर अपने घर लौटने के लिए परेशान हैं। हजारों बस कई दिन तक बॉर्डर पर धूल खाती रही लेकिन पार्टियों की सियासी भूख, मजदूरों की पेट की भूख पर हावी हो गयी।

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साधन नहीं है तो ये मजदूर पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा पर निकल पड़े हैं। वो गरीब तपती दोपहरी में सड़क पर पैदल चलने या ट्रक जैसे वाहनों पर सामान की तरह लदकर अपनी जान जोखिम में डालने को मजबूर हैं। क्योंकि वो मजदूर हैं इसलिए ?

1- थकान ऐसी कि कहीं भी आ जाए नींद

 

 

2-भूख उन्हें कई सौ किलोमीटर दूर लेकर गयी थी

 

 

3- कभी सोचा नहीं था कि मोटरसाईकिल से करनी पड़ेगी इतनी दूर की यात्रा

 

 

4-लाचार और बेबस मजदूर

 

 

5- बच्चे ही देश का भविष्य हैं

 

 

6- भूख से बेहाल बच्चे

 

 

7- घर जाने की ख़ुशी या नौकरी खोने का गम

 

 

8- भविष्य की चिंता करती देश की बेटी

 

 

9-चेहरे पर झलकती चिंता, कहां रुकेगा ये सफ़र

 

 

देश का मजदूर वर्ग कल भी बेबस था और आज भी बेबस है । काम की तलाश में अपना घर, अपने मां-बाप और अपने प्रियजनों को छोड़कर दूसरे राज्यों में नौकरी के लिए निकले इन मजदूरों को क्या पता था कि कभी इस तरह से अपना कर्मक्षेत्र छोड़ना पड़ेगा।

हमारे फोटो जर्नलिस्ट आशुतोष त्रिपाठी जी ने अपने कैमरे के द्वारा इन मजदूरों के दर्द को आपस में राजनीति करती हुई राज्य सरकारों तक पहुंचाने की कोशिश की है ।

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