लालकृष्ण आडवाणी का छलका दर्द, बोले- कराची और सिंध के बिना भारत अधूरा
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वयोवृद्ध नेता और मार्गदर्शक मंडल के सदस्य लालकृष्ण आडवाणी ने प्रजापति ब्रह्म कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संस्थापक आध्यात्मिक गुरू पिताश्री ब्रह्मा के 48वें अधिरोहण समारोह को संबोधित करते हुए इस बात पर खेद प्रकट किया कि कराची, भारत का हिस्सा नहीं है और पाकिस्तान के सिंध के बिना भारत अधूरा लगता है।
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वयोवृद्ध नेता और मार्गदर्शक मंडल के सदस्य लालकृष्ण आडवाणी ने प्रजापति ब्रह्म कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संस्थापक आध्यात्मिक गुरू पिताश्री ब्रह्मा के 48वें अधिरोहण समारोह को संबोधित करते हुए इस बात पर खेद प्रकट किया कि कराची, भारत का हिस्सा नहीं है और पाकिस्तान के सिंध के बिना भारत अधूरा लगता है। गौरतलब है कि 89 साल के लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को पाकिस्तान के सिंध प्रांत की राजधानी कराची में एक सिंधी परिवार में हुआ था।
पाकिस्तान के कराची और सिंध प्रान्त को याद करते ही उदास हो जाता हूं
-लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि कभी-कभी वह महसूस करते हैं कि कराची और सिंध अब भारत का हिस्सा नहीं रहे।
-वह बचपन के दिनों में सिंध में आरएसएस में काफी सक्रिय थे।
-उन्होंने कहा कि वह मानते हैं कि सिंध के बिना भारत अधूरा है।
-आडवाणी ने कहा कि कराची और सिंध के भारत का हिस्सा नहीं होने की बात याद आने के साथ ही वह उदास हो जाते हैं।
आरएसएस में अधिक महिलाओं को शामिल करने की वकालत
-अपने संबोधन में आडवाणी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में अधिक महिलाओं को शामिल करने की वकालत भी की।
-महिलाओं को शामिल करने पर ‘प्रजापति ब्रह्मकुमारी’ संगठन की प्रशंसा करते हुए आडवाणी ने कहा कि वे चाहते हैं कि लोग और आरएसएस इसका अनुसरण करें।
-आडवाणी ने कहा कि उन्होंने ऐसा कोई संगठन नहीं देखा है जिसका नेतृत्व मुख्य रूप से महिलाएं करती हैं। यह अद्भुत है।