नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में लालू-तेजस्वी को समन, तेज प्रताप भी तलब
Land for Job Scam Case: कई लोगों को रेलवे के विभिन्न जोनों में ग्रुप-डी के पदों पर नौकरियां दी गई थीं और नौकरियों के बदले में इन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेलवे मंत्री लालू यादव के परिवार के सदस्यों और एक संबंधित कंपनी एके इंफोसिस्टम के नाम कर दी थी।
Land for Job Scam Case: नौकरी के बदले जमीन से जुड़े घोटाले मामले में लालू परिवार की मुश्किले कम होती नहीं दिख रही हैं। इस मसमले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके बेटों तेज प्रताप और तेजस्वी को कोर्ट ने तलब किया है। यही नहीं कोर्ट ने घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अन्य आरोपियों को भी तलब किया है। सभी आरोपियो को सात अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने को कहा गया है।
नौकरी के बदले जमीन से जुड़े घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छह अगस्त को 11 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था, जिनमें से चार की पहले ही मौत हो चुकी है।
दरअसल, दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेजस्वी और अन्य आरोपियों को समन जारी किया है। इस मामले में कोर्ट ने अखिलेश्वर सिंह और उनकी पत्नी किरण देवी को भी समन भेजा है। वहीं कोर्ट ने कहा कि इस मामले में तेज प्रताप यादव की संलिप्तता से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। वह एके इंफोसिस लिमिटेड के निदेशक भी थे। उन्हें भी समन जारी किया गया है। अब इस मामले में लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
जानिए क्या है पूरा मामला?
आरोप है कि नौकरी के बदले जमीन के मामले में रेलवे मंत्री रहते हुए लालू यादव इस घोटाले में शामिल थे। इस घोटाले को लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते समय 2004 से 2009 के बीच अंजाम दिया गया था, जहां कई लोगों को रेलवे के विभिन्न जोनों में ग्रुप-डी के पदों पर नौकरियां दी गई थीं और नौकरियों के बदले में इन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेलवे मंत्री लालू यादव के परिवार के सदस्यों और एक संबंधित कंपनी एके इंफोसिस्टम के नाम कर दी थी। यही नहीं इस घोटाले का आरोप उस समय यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहे पवन बंसल के भांजे विजय सिंगला पर भी लगा था। सीबीआई ने इस मामले विजय सिंगला समेत 10 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। विजय सिंगला पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप है।