नई दिल्ली: आईआरसीटीसी होटल घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद एक बार फिर सोमवार को पूछताछ के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के समक्ष पेश नहीं हुए। तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद द्वारा आईआरसीटीसी के दो होटलों को निजी कंपनी को सौंपने में हुई कथित अनियमितता की जांच के मामले में उन्हें सीबीआई के समक्ष पेश होना था। ऐसा एक महीने में दूसरी बार हुआ है, जब वह सीबीआई के समक्ष पेश नहीं हुए।
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लालू प्रसाद के वकील ने एक पत्र के जरिए सोमवार अपराह्न् सीबीआई को बताया कि उनके मुवक्किल जांच के संबंध में सीबीाई के समक्ष पेश नहीं हो पाएंगे।
उन्हें इस संबंध में 22 सितंबर को समन जारी किया गया था।
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया, "लालू की ओर से उनके वकील ने हमें पत्र भेजा है और आईआरसीटीसी मामले में जांचकर्ताओं के समक्ष पेश होने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा है।"
सीबीआई ने 22 सितंबर को लालू प्रसाद और उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव को समन भेजकर 25 और 26 सितंबर को पेश होने को कहा था।
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इससे पहले सीबीआई ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख और उनके बेटे एवं बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को सात सितंबर को समन भेजकर दक्षिण दिल्ली के लोधी रोड इलाके में स्थित मुख्यालय में 11 और 12 सितंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था।
सीबीआई ने लालू के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए कथित अनियमितताओं के लिए पांच जुलाई को लालू, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था।
सीबीआई के मुताबिक, रांची और पुरी में इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) के दो होटलों को सुजाता होटल्स कंपनी को बेचने में कथित अनियमितता बरती गई थी। इसके बदले उन्हें रिश्वत के रूप में बिहार में एक भूखंड मिला था।
--आईएएनएस