Shashi Tharoor: बीजेपी में शामिल होंगे शशि थरूर! पीयूष गोयल से मुलाकात के बाद बढ़ी सरगर्मी

Shashi Tharoor: बगावती तेवरों के साथ सुर्खियों में कांग्रेस सांसद शशि थरूर हाल ही में अपने बगावती बयान और पार्टी लाइन के खिलाफ बयानबाजी को लेकर चर्चा में हैं। थरूर ने पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे और केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन की तारीफ की, जिसके बाद पार्टी में विवाद उठ गया। इस बीच, उन्होंने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ एक सेल्फी शेयर करते हुए दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर चर्चा की।;

Newstrack :  Network
Update:2025-02-25 16:56 IST

Shashi Tharoor (photo: social media ) 

Shashi Tharoor: कांग्रेस सांसद इस समय अपने बगावती तेवर के कारण सुर्खियों में आ गये हैं। जिसके बाद से वो लगातार चर्चा के केंद्र में है। थरूर ने पिछले कुछ समय से पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे की जमकर तारीफ और कुछ ही दिन के अंदर केरल की पिनरई विजयन की भी तारीफ कर दी। जिसके बाद पार्टी के अंदर घमासान मच गया। विवाद के बीच फिर थरूर में आग में घी डालते हुये एक बार फिर मोदी सरकार की तारीफ की और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ एक सेल्फी भी शेयर कर दी।

कांग्रेस सांसद ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री के साथ फोटो शेयर करते हुये लिखा कि ब्रिटेन के वाणिज्य मंत्री और भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ शानदार बातचीत हुई। लंबे समय से दोनों देशों के बीच ठंडे पड़ी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की चर्चा को दोबारा शुरू करने का स्वागत है।

कांग्रेस में क्यों बैचेन हैं शशि थरूर?

दरअसल, अगले साल केरल में विधानसभा चुनाव होने हैं, और सियासी गलियारों में यह चर्चा है कि शशि थरूर चाहते हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाए। जब उन्होंने मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था और हार गए थे, तब भी उन्होंने यह इच्छा जताई थी कि उन्हें खरगे की टीम में शामिल किया जाए। हाल ही में कांग्रेस नेतृत्व ने संगठन में कई अहम बदलाव किए हैं, लेकिन शशि थरूर को इसमें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई। शशि थरूर, जो केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं, फिलहाल पार्टी में किसी भी पद पर नहीं हैं, और यह माना जा रहा है कि यही वजह है कि वे नाराज हैं।

शशि थरूर पर क्यों नहीं भरोसा करती 'गांधी फैमिली'?

गांधी परिवार शशि थरूर पर भरोसा नहीं कर पाता है। जब कांग्रेस अपने नए अध्यक्ष की तलाश कर रही थी और मल्लिकार्जुन खरगे को आगे किया गया, तो शशि थरूर ने खरगे के खिलाफ ही चुनावी पर्चा भर दिया। थरूर ने अखिल भारतीय स्तर पर कांग्रेस के 1072 वोट हासिल किए, जबकि खरगे ने 8797 वोट लेकर चुनाव जीतने में सफलता पाई। इसके अलावा, शशि थरूर G-23 ग्रुप के सदस्य भी रहे हैं, जिन्होंने पार्टी में सुधारों की मांग करते हुए सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। उन्होंने पार्टी में सत्ता के विकेंद्रीकरण और जमीनी स्तर के पदाधिकारियों को सशक्त बनाने की वकालत की थी। तिरुवनंतपुरम से लगातार चार बार जीतने वाले शशि थरूर ने पीएम मोदी और केरल की लेफ्ट सरकार की सराहना भी की है, जिससे उन्होंने एक बार फिर कांग्रेस नेतृत्व को चुनौती दी है।

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