केदारनाथ पैदल मार्ग पर बड़ा हादसा, 3 की मौत, राहत-बचाव कार्य जारी

Kedarnath Landslide: केदारनाथ पैदल मार्ग पर बड़ा हादसा हो गया है। पत्थर और मलबा नीचे गिरने के कारण मलबे में धंस कर 3 यात्रियों की मौत हो गई है। राहत बचाव कार्य जारी है।

Newstrack :  Network
Update: 2024-07-21 04:37 GMT

Kedarnath Landslide: केदारनाथ पैदल मार्ग पर आज यानी रविवार सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। पत्थर के टुकड़े नीचे गिरने से कई यात्री मलबे में धंस गए। तीन यात्रियों की मौत की सूचना है। तीनों मृतक के शवों को मलबे से बाहर निकाल लिया गया है। जबकि एक अन्य यात्री घायल है। घायल यात्री का इलाज किया जा रहा है। फिलहाल मौके पर राहत बचाव कार्य जारी है।

चीरबासा के पास हुआ हादसा

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्दन सिंह रजवार ने जानकारी देते हुए बताया कि आपदा कन्ट्रोल रूम को आज सुबह करीब 7.30 बजे यह सूचना प्राप्त हुई कि केदारनाथ पैदल मार्ग पर चीरबासा के पास पहाड़ी से मलबा व भारी पत्थर नीचे गिरने से कई यात्रियों के दबने की सूचना है। सूचना मिलते ही यात्रा मार्ग में तैनात एनडीआरएफ, डीडीआर, वाईएमएफ की टीम घटनास्थल पर पहुंची और राहत-बचाव कार्य में जुट गई। रेस्क्यू टीम ने मलबे से तीन यात्रियों के शवों को बाहर निकाला है। अभी कई यात्रियों के दबे होने की आशंका है।

दिल्ली में भी बन रहा बाबा केदार का मंदिर

दिल्ली के बुराड़ी इलाके में बाबा केदार का मंदिर बनाया जा रहा है। इस मंदिर का नाम श्री केदारनाथ दिल्ली धाम मंदिर है। तीन एकड़ में बन रहा यह मंदिर तीन साल में तैयार हो जाएगा। 10 जुलाई 2024 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसका विधिवत भूमिपूजन किया था। इसका निर्माण केदारनाथ धाम ट्रस्ट मंदिर बुराड़ी करा रहा है। लेकिन पूजन के बाद से ही इस मंदिर को बनाने का विरोध हो रहा है। केदारनाथ धाम से लेकर पूरी केदार घाटी में इसे लेकर लोगों में जबदस्त आक्रोश देखा गया।

शंकराचार्य ने भी किया विरोध

केदारनाथ धाम से जुड़े पंडित-पुरोहितों में भी इसको लेकर भारी रोष देखा गया। उनका कहना है कि केदारनाथ धाम से करोड़ों हिंदुओं की आस्था जुड़ी हुई है, ऐसे में बाबा केदारनाथ का मंदिर कहीं और बनाना यह तीर्थ की मर्यादा के खिलाफ है। साथ ही धामों के प्रति लोगों की आस्था पर प्रहार भी है। वहीं शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने भी दिल्ली में बन रहे इस मंदिर का विरोध किया। उन्होंने कहा कि केदार हिमालय में हैं तो आप दिल्ली में कैसे बना सकते हैं। जब पता सबको मालूम है तो उसे क्यों बदलना चाहते हैं। लोगों को क्यों भ्रमित किया जा रहा है।

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