Constitution Copy: संविधान कॉपी पर मचा बवाल, अधीर रंजन ने कुछ शब्दों को हटाने का लगाया आरोप; कानून मंत्री ने दिया कुछ ऐसा जवाब

Constitution Copy: कांग्रेस नेता चौधरी ने कहा कि सभी को इस बात की जानकारी है कि 1976 में संविधान की प्रस्तावना में संशोधन किया गया था और सोशलिस्ट और सेक्युलर शब्दों को इसमें जोड़ा गया था। हालांकि अब इन शब्दों का हटा दिया गया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-09-20 17:49 IST

Constitution Copy(सोशल मीडिया) 

Constitution Copy: नए संसद भवन में प्रवेश से पहले सांसदों को बांटी गई संविधान की कॉपी को लेकर विवाद पैदा हो गया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि उन्हें संविधान की जो कॉपी दी गई है, उसकी प्रस्तावना से सोशलिस्ट और सेक्युलर दोनों शब्द गायब थे। उन्होंने कहा कि 1976 में संविधान में संशोधन के बाद ये दोनों शब्द संविधान की प्रस्तावना में जोड़े गए थे मगर सांसदों को दी गई संविधान की कॉपी में इन दोनों शब्दों का न होना चिंता का विषय है।

कांग्रेस नेता चौधरी के इस आरोप पर सरकार की ओर से जवाब भी दिया गया है। सरकार का कहना है कि सांसदों को दी गई संविधान की कॉपी में ओरिजिनल और संशोधित दोनों प्रस्तावना को शामिल किया गया है। दरअसल संविधान की प्रस्तावना में 1976 में 42वें संशोधन के जरिए सोशलिस्ट और सेक्युलर शब्द जोड़े गए थे। इसी को लेकर कांग्रेस नेता चौधरी ने सरकार पर हमला बोला है।

दोनों शब्दों का गायब होना चिंता का विषय

कांग्रेस नेता चौधरी ने कहा कि सभी को इस बात की जानकारी है कि 1976 में संविधान की प्रस्तावना में संशोधन किया गया था और सोशलिस्ट और सेक्युलर शब्दों को इसमें जोड़ा गया था। अगर सरकार की ओर से आज हमें संविधान की कॉपी दी जाती है और उस कॉपी में इन दोनों शब्दों का जिक्र नहीं है तो निश्चित रूप से यह चिंता करने का मुद्दा है। उन्होंने कहा कि इससे भाजपा की मंशा पर भी सवाल पर खड़े होते हैं।

चौधरी ने कहा कि भाजपा की ओर से यह काम काफी चतुराई से किया गया है। मैंने इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की मगर मुझे इस मुद्दे को उठाने नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि मैंने इस संबंध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से भी चर्चा की है।

संविधान से छेड़छाड़ का प्रयास कर रही भाजपा

भाजपा की ओर से कहा जा रहा है कि यह उस समय की कॉपी है जब संविधान बना था मगर जब 1976 में ही संशोधन हो गया तो संशोधित कॉपी दी जानी चाहिए थी। इसलिए हमारा मानना है कि बहुत सोची समझी साजिश के तहत संविधान से छेड़छाड़ का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर संविधान के साथ छेड़छाड़ की गई तो देश की बुनियाद कमजोर हो जाएगी।

टीएमसी सांसद ने भी लगाया आरोप

टीएमसी सांसद डोला सेन ने भी अधीर रंजन चौधरी की ओर से लगाए गए आरोप की पुष्टि की है। उन्होंने भी कहा कि मुझे दी गई संविधान की कॉपी में सोशलिस्ट और सेक्युलर शब्द नहीं है। इससे केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल खड़े होते हैं।

मंगलवार को संसद के पुराने भवन से नए भवन में जाते समय सांसदों को संविधान की कॉपी दी गई थी जिसे लेकर यह विवाद पैदा हुआ है। इस विवाद का एक कानूनी पहलू भी है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में संविधान की प्रस्तावना को भी संविधान का ही हिस्सा बताया था। ऐसे में कोई भी शब्द हटाने या शामिल करने के लिए फिर संविधान संशोधन की जरूरत होगी।

कानून मंत्री ने दिया चौधरी को जवाब

कांग्रेस नेता चौधरी के आरोप पर कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सफाई देते हुए कहा कि जब संविधान अस्तित्व में आया तो प्रस्तावना में सोशलिस्ट और सेक्युलर शब्द नहीं थे। उन्हें बाद में 42वें संशोधन के जरिए जोड़ा गया। उन्होंने यह भी कहा कि सांसदों को संविधान की एक ओरिजिनल और एक संशोधित कॉपी दी गई थी।

जानकार सूत्रों का कहना है कि सांसदों को दी गई कॉपी के पहले पन्ने पर मूल प्रस्तावना है जबकि दूसरे पन्ने पर संशोधित प्रस्तावना को भी शामिल किया गया है। ऐसे में दोनों प्रस्तावना को इसमें स्थान दिया गया है मगर चौधरी ने सरकार को घेरते हुए नया विवाद पैदा कर दिया है।

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