Mission 2024: मध्य प्रदेश में टिकट बंटवारे में भाजपा करेगी बड़ा बदलाव, एक दर्जन से अधिक सांसदों का कट सकता है पत्ता

Mission 2024: भाजपा इस बार टिकट बंटवारे में काफी फेरबदल करेगी। मध्य प्रदेश में बड़े फेरबदल की सुगबुगाहट सुनाई दे रही है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-02-06 12:38 IST

BJP lok sabha election 2024 (PHOTO: SOCIAL MEDIA )

Mission 2024: लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा से पहले विभिन्न दलों में टिकट हासिल करने के लिए जोड़-तोड़ शुरू हो गई है। भाजपा भी चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पूर्व अधिक से अधिक सीटों पर अपने प्रत्याशी तय करने की तैयारी में जुटी हुई है ताकि उम्मीदवारों को चुनावी तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल सके।

जानकार सूत्रों का कहना है कि भाजपा इस बार टिकट बंटवारे में काफी फेरबदल करेगी। मध्य प्रदेश में बड़े फेरबदल की सुगबुगाहट सुनाई दे रही है। जानकारों के मुताबिक मध्य प्रदेश में एक दर्जन से अधिक भाजपा सांसदों का पत्ता कट सकता है।

इन नेताओं का टिकट कटना तय

मध्य प्रदेश में लोकसभा की 29 सीटें हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के बाद बीजेपी मध्य प्रदेश के चुनाव नतीजे को लेकर काफी आशान्वित है मगर इस बार टिकटों में भारी फेरबदल किए जाने की संभावना है। मध्य प्रदेश में भाजपा के पांच सांसद विधानसभा के सदस्य बन चुके हैं। जिन सांसदों ने पिछले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी,उनमें नरेंद्र सिंह तोमर, राकेश सिंह, उदय प्रताप सिंह, प्रहलाद पटेल और रीति पाठक के नाम शामिल है।

इन सांसदों के अलावा भाजपा के दो सांसदों को पिछले विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। इन सांसदों में फग्गन सिंह कुलस्ते और गणेश सिंह शामिल हैं। जानकारों का कहना है कि इन दोनों सांसदों को अब आगे टिकट मिलना मुश्किल माना जा रहा है।

प्रभारियों की रिपोर्ट पर फाइनल होंगे टिकट

भाजपा ने प्रत्याशियों का नाम तय करने के लिए प्रभारियों की नियुक्ति की थी और इन प्रभारियों की ओर से विस्तृत रिपोर्ट पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को सौंपी जा चुकी है। इस रिपोर्ट का गहराई से मंथन करने के बाद ही उम्मीदवारों के नाम फाइनल किए जाएंगे। भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी फरवरी के आखिरी हफ्ते तक उम्मीदवारों के नाम फाइनल करना शुरू कर देगी क्योंकि मार्च के पहले सप्ताह में लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा संभावित है।

कमजोर फीडबैक वालों को लगेगा झटका

70 साल से अधिक उम्र वाले और कमजोर फीडबैक वाले नेताओं का टिकट कटना भी तय माना जा रहा है। ऐसे में पार्टी के बुजुर्ग नेता काफी पसोपेश की स्थिति में दिख रहे हैं। भाजपा नेतृत्व का मानना है कि ऐसे नेताओं का टिकट काटकर नए नेताओं को आगे लाने में मदद मिलेगी और बदलाव के कारण मतदाताओं का समर्थन हासिल करने की संभावनाएं भी बढ़ जाएगी।

टिकट काटने पर बुजुर्ग नेताओं की अपने बेटे बेटियों को टिकट दिलाने की कोशिश भी शायद ही कामयाब हो पाए क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुलकर परिवार वाद पर हमला करते रहे हैं। सोमवार को भी उन्होंने लोकसभा में परिवारवाद पर तीखा हमला बोला था।

पुराने चेहरों पर ही भरोसा करेगी कांग्रेस

दूसरी ओर कांग्रेस के बारे में माना जा रहा है कि पार्टी अपने पुराने चेहरों पर ही भरोसा करेगी। पार्टी के पास फंड की कमी को इसका बड़ा कारण माना जा रहा है। कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि भाजपा उम्मीदवारों के पास फंड की कमी नहीं होगी जबकि कांग्रेस उम्मीदवारों को फंड की कमी के संकट से जूझना होगा। ऐसे में नए नेताओं के लिए मुश्किल में पैदा हो सकती हैं। इसी कारण माना जा रहा है कि पार्टी की ओर से पुराने नेताओं को ही चुनावी अखाड़े में उतारा जाएगा।

कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनाव न लड़ने वाले पार्टी के बड़े चेहरों को कम से कम एक लोकसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी जरूर संभालनी चाहिए ताकि उस क्षेत्र में उतरने वाले नए चेहरे को ताकत हासिल हो सके और फंड की कमी के संकट को दूर किया जा सके।

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