Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस की खास रणनीति, उत्तर भारत की कमान संभालेंगी प्रियंका, रायबरेली से लड़ेंगी चुनाव
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल और प्रियंका की चुनावी सीटों को लेकर भी खास योजना तैयार की गई है। प्रियंका गांधी रायबरेली के चुनावी रण में कांग्रेस की उम्मीदवार होंगी।
Lok Sabha Elections 2024: 2024 में होने वाली बड़ी सियासी जंग में भाजपा (BJP) को जवाब देने के लिए कांग्रेस (Cogress) की ओर से भी खास रणनीति पर काम किया जा रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी (Rahul Gandhi and Priyanka Gandhi) दोनों के जरिए अपनी चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने की कोशिश करेगी। राहुल गांधी वैसे तो पूरे देश में सक्रिय रहेंगे मगर उनका मुख्य फोकस दक्षिण भारत की सीटों पर होगा जबकि प्रियंका को उत्तर भारत की कमान सौंपी जाएगी। हाल में हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव (Himachal Pradesh Assembly Election) में प्रियंका की रणनीति से कांग्रेस को बड़ा सियासी फायदा हुआ था।
लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल और प्रियंका की चुनावी सीटों को लेकर भी खास योजना तैयार की गई है। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से एक बार फिर किस्मत आजमाने के लिए उतरेंगे जबकि प्रियंका गांधी रायबरेली के चुनावी रण में कांग्रेस की उम्मीदवार होंगी। माना जा रहा है कि प्रियंका के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर पार्टी को उत्तर भारत की अन्य सीटों पर भी सियासी फायदा हो सकता है।
उत्तर भारत की कमान संभालेंगी प्रियंका
कांग्रेस में पिछले साल हुए संगठनात्मक चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे (mallikarjun kharge) को पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था। खड़गे के पार्टी अध्यक्ष बनने के बावजूद अभी भी पार्टी पर गांधी परिवार का ही प्रभुत्व दिख रहा है। पार्टी नेताओं का भी मानना है कि गांधी परिवार की मदद से ही भाजपा की चुनौतियों का सामना किया जा सकता है। इसीलिए 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का चक्रव्यूह तोड़ने के लिए राहुल और प्रियंका को खास जिम्मेदारी देने की योजना है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी को दक्षिण भारत की जिम्मेदारी दी जाएगी जबकि उत्तर भारत में पार्टी की ओर से प्रियंका गांधी कमान संभालेगी।
हाल में हुए हिमाचल प्रदेश के चुनाव में राहुल गांधी प्रचार करने के लिए नहीं पहुंचे थे मगर प्रियंका गांधी की सक्रियता के कारण कांग्रेस भाजपा को सत्ता से बेदखल करने में कामयाब हुई थी। अपनी चुनावी सभाओं के दौरान प्रियंका ने भाजपा पर तीखे हमले बोले थे और कांग्रेस की नीतियों को समर्थन देने का आह्वान किया था। प्रियंका की सक्रियता के कारण हिमाचल प्रदेश में हर पांच साल पर सत्ता बदलने का सिलसिला इस बार भी बरकरार रहा।
भारत जोड़ो यात्रा में प्रियंका की सक्रियता
मंगलवार को उत्तर प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा की एंट्री के दौरान भी प्रियंका गांधी काफी सक्रिय दिखीं। इस दौरान हुई सभा के दौरान उन्होंने राहुल गांधी की तारीफ करने के साथ ही भाजपा को भी घेरा। गाजियाबाद की सभा में राहुल गांधी को बड़ा भाई बताते हुए उन्होंने कहा कि मेरे बड़े भाई मुझे तुम पर गर्व है। सरकार की ओर से पूरी ताकत लगाकर मेरे भाई की छवि खराब करने की कोशिश की गई, हजारों करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए, लेकिन वे सच्चाई के रास्ते से पीछे नहीं हटे।
तमाम एजेंसियों के जरिए उन्हें परेशान करने की कोशिश की गई मगर फिर भी मेरा भाई नहीं घबराया। अडाणी और अंबानी ने देश में सबकुछ खरीद लिया मगर वह मेरे भाई को खरीदने में कामयाब नहीं हो पाए। ये दोनों लोग चाहे जितनी भी कोशिश कर लें मगर वे अपने मेरे भाई को कभी नहीं खरीद सकते। प्रियंका गांधी को भाषण के दौरान कार्यकर्ताओं और उपस्थित जनसमूह का काफी समर्थन मिला।
रायबरेली से चुनाव लड़ने की तैयारी
उत्तर प्रदेश में हुए पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भी प्रियंका ने काफी सक्रियता दिखाई थी। हालांकि कांग्रेस को इसका ज्यादा फायदा नहीं मिल सका। पार्टी उत्तर प्रदेश के सिर्फ दो विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हो सकी। विधानसभा चुनाव के बाद प्रियंका उत्तर प्रदेश से कटी रही हैं मगर कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अब वे एक बार फिर उत्तर प्रदेश सहित उत्तर भारत के अन्य राज्यों में अपनी सक्रियता बढ़ाएंगी।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि प्रियंका के जरिए पार्टी उत्तर भारत में अपनी सियासी जमीन मजबूत बनाने की कोशिश करेगी। इसी सिलसिले में प्रियंका को रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी है। कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि प्रियंका के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर प्रदेश की अन्य सीटों पर भी पार्टी को फायदा होगा।
कांग्रेस का गढ़ रही है रायबरेली सीट
उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से सोनिया गांधी ने जीत हासिल की थी। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह को 1,67,718 मतों से हराया था। सोनिया गांधी को 5,34,918 मत हासिल हुए थे जबकि भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह 3,67,740 मत मिले। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी मोदी लहर के बावजूद यहां कमल नहीं खिल सका था। रायबरेली सीट को गांधी परिवार का गढ़ माना जाता रहा है और सोनिया के अलावा इस सीट से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी और खुद इंदिरा गांधी ने भी जीत हासिल की थी।
रायबरेली लोकसभा सीट पर अब तक कुल 16 बार लोकसभा चुनाव और दो बार लोकसभा उपचुनाव हुए हैं। इनमें से अकेले 15 बार कांग्रेस को, जबकि एक बार भारतीय लोकदल और दो बार बीजेपी को जीत हासिल हुई है। हाल के दिनों में सोनिया गांधी के अस्वस्थ होने के कारण माना जा रहा है कि अब गांधी परिवार की ओर से प्रियंका गांधी को उतारकर इस सीट पर गांधी परिवार का प्रभुत्व बनाए रखने की कोशिश की जाएगी।