Mahakumbh 2025: महाकुंभ में भगदड़ का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, जनहित याचिका में जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई की मांग
Mahakumbh 2025: प्रयागराज में मौनी अमावस्या के पर्व पर अमृत स्नान से पहले संगम नोज के पास अखाड़ा मार्ग पर भगदड़ की घटना हुई थी। प्रदेश सरकार की ओर से इस हादसे में 30 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की गई है।;
Mahakumbh 2025: प्रयागराज के महाकुंभ में भगदड़ की घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। एक वकील की ओर से दायर की गई इसी याचिका में हादसे के लिए जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का निर्देश देने की मांग की गई है। इसके साथ ही यह भी मांग की गई है कि इस हादसे के संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी जाए।
प्रयागराज में मौनी अमावस्या के पर्व पर अमृत स्नान से पहले संगम नोज के पास अखाड़ा मार्ग पर भगदड़ की घटना हुई थी। प्रदेश सरकार की ओर से इस हादसे में 30 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की गई है। हालांकि इस हादसे के बाद प्रदेश सरकार की ओर से कई एहतियाती कदम उठाए गए हैं ताकि आगे इस तरह के हादसे को रोका जा सके।
आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए
महाकुंभ मेले में हुई भगदड़ की घटना की जांच के लिए प्रदेश सरकार की ओर से तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 25-25 लाख आर्थिक मदद देने की भी घोषणा की है। इस बीच इस हादसे को लेकर देश की शीर्ष अदालत में एक जनहित याचिका भी दायर की गई है।
इस याचिका में मांग की गई है कि शीर्ष अदालत की ओर से इस बाबत निर्देश दिया जाना चाहिए कि वीआईपी मूवमेंट से आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिए। महाकुंभ में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकास के लिए अधिकतम स्थान की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि उन्हें किसी भी प्रकार के दिक्कत का सामना न करना पड़े। भगदड़ जैसी घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार को नीति बनाने का निर्देश देने की मांग भी की गई है।
लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई की मांग
सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि लापरवाह अफसरों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की जरूरत है। याचिका में भगदड़ की घटना के लिए जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। इसके साथ ही हादसे के संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगने के निर्देश का भी अनुरोध किया गया है। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए जाने वाले आदेश पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं।
सीएम योगी हुए भावुक,आयोग करेगा जांच
हादसे के संबंध में जानकारी देते हुए बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी भावुक हो गए थे। बोलते-बोलते उनका गला भर आया और उनकी आंखों में आंसू भी छलक आए थे। रुंधे हुए गले से उनका कहना था कि महाकुंभ मेला क्षेत्र में हुई घटना काफी दुखद और मर्माहत करने वाली है। उन्होंने हादसे में मरने वालों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना जताई थी।
मुख्यमंत्री ने संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए सभी से संयम और धैर्य से काम लेने की अपील भी की थी। उनका कहना था कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
मुख्यमंत्री के मुताबिक महाकुंभ में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है,किंतु भीड़ का भारी दबाव बना हुआ है। प्रदेश सरकार ने हादसे की जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर न्यायमूर्ति हर्ष कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग गठित किया है। इसके साथ ही हादसे में मरने वालों के परिजनों को 25-25 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का ऐलान भी किया गया है।